मास्को। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और मध्य एशिया की समृद्धि के लिए आपसी साझेदारी बढ़ाने पर बल देते हुए भारत एवं इन देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ मजबूत सहयोग का आह्वान किया। मोदी ने कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में नजरबायेव विश्वविद्यालय में छात्रों एवं गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एवं मध्य एशिया एक दूसरे के बिना अपनी पूर्ण क्षमताओं का दोहन नहीं कर सकते और ना ही हमारे लोग एवं क्षेत्र हमारे सहयोग के बिना सुरक्षित हो सकते है।
उन्होंने कहा कि भारत के 80 करोड़ युवा 7.5 प्रतिशत की दर से आर्थिक प्रगति के साथ विश्व में नई संभावनाएं लाए हैं जबकि मध्य एशिया में प्रचुर मात्रा में संसाधन, प्रतिभा संपन्न लोग, तीव्र प्रगति एवं रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति है। उन्होंने कहा कि भारत दोनों क्षेत्रों की समृद्धि के लिए निवेश और साझेदारी के लिए तैयार है।
मोदी ने कहा कि भारत खनिज, ऊर्जा, फार्मास्युटिकल्स, कृषि, डेयरी, आई टी, कपड़ा , इंजीनियरिंग, परंपरागत औषधि, लघु एवं मध्यम उद्यम में सहयोग के साथ साथ तेल शोधन, पेट्रोरसायन एवं उर्वरक संयत्रों में निवेश कर सकता है। मध्य एशियाई देशों के साथ पुराने संबंधों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा से भारत एवं मध्य एशिया के बीच एक नए युग का आरंभ होगा।
प्रधानमंत्री ने समृद्धि के मार्ग में आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा बताते हुए आगाह किया कि हमें अपने मूल्यों, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता की रक्षा के लिए हर हाल में सामरिक सहयोग मजबूत करना होगा क्योंकि हमारे बगल में ही आतंकवाद एवं अस्थिरता बढ़ रही है। मोदी ने कहा, “क्या हम अपनी युवा पीढ़ी को बन्दूकों और नफरत का शिकार बनने दें क्योंकि वे (आतंकवादी) अपने बरबाद भविष्य के लिए हमें जिम्मेदार ठहराते है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एवं मध्य एशियाई देशों में इस्लाम के उच्च आदर्शों को माना गया है और हमेशा ही उग्रवादी ताकतों को नकारा है। मोदी ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन में भारत की सदस्यता से हमारा सहयोग और बढ़ेगा। उन्होंने यूरेशियाई आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार करार शुरू होने पर संतोष जताते हुए कहा कि दोनों के बीच व्यापार, पारगमन एवं ऊर्जा संपर्क बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने अश्गाबात समझौते में भारत को शामिल किए जाने और पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के रास्ते मध्य एशिया तक पारंपारिक व्यापारिक मार्ग शुरू होने की आशा जताई। प्रधानमंत्री ने इसके बाद अस्ताना में एक उत्कृष्टता संस्थान का उद्घाटन किया जिसमें भारतीय सुपर कंप्यूटर लगाया गया है। इसके साथ ही भारत के सहयोग से कजाखस्तान में पहले तेल कुएं की खुदाई का भी उद्घाटन किया।