इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक प्रमुख समाचार पत्र का मानना है कि देश में आतंकवादी संगठन, इस्लामिक स्टेट(आईएस) मौजूद है। द नेशन में प्रकाशित एक संपादकीय के मुताबिक, पेरिस हमलों के बाद दुनियाभर में आईएस एक मुद्दा बन गया है, जैसे कि यह कितना खतरनाक है, इसका प्रभाव कितना व्यापक है और इस पर कैसे काबू पाया जा सकता है।विदेश कार्यालय ने देश में आईएस की मौजूदगी का यह कहते हुए खंडन किया है कि किसी को भी आतंकवादी संगठन के साथ संबंधों की इजाजत नहीं दी जा सकती। विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के मुताबिक, सच यही है कि यह टिप्पणी न केवल गलत है, बल्कि यह भ्रामक और अंतत: हानिकारक है। संपादकीय के मुताबिक, आईएस पाकिस्तान में मौजूद है, इसमें कोई शक नहीं है। माना जाता है कि कराची में सफूरा गोठ में हुए हमले को जिसमें 35 लोग मारे गए थे, आईएस के स्थानीय गुर्गों ने अंजाम दिया था।हमले और संगठन के बीच संबंध को सरकार और सैन्यकर्मियों दोनों ने स्वीकार किया था। अखबार के मुताबिक, संगठन की मौजूदगी का इससे भी अधिक ठोस सबूत मिला है। अखबार ने लिखा है कि पेशावर और नजदीकी शहरों में दीवारों पर संगठन का नाम, पाश्तो और दरी में प्रचार पर्चे और खैबर पख्तूनख्वा में संगठन के लोगो वाले प्रचार पर्चे मिले हैं। इतना ही नहीं संगठन के नियोक्ताओं को लाहौर से गिरफ्तार किया गया है।समाचार पत्र के मुताबिक, संगठन यहां उतना प्रभावशाली भले ही न हो जितना कि सीरिया, इराक, तुर्की और लीबिया में, लेकिन यह मौजूद है और इसकी अस्वीकृति केवल सुरक्षा की झूठी भावना को ही जन्म देगी। अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान में संगठन की किसी भी गतिविधि की खबर पर आईएस से जोखिम को नजरअंदाज करना सरकार का रवैया बन चुका है, भले ही रपट की कुछ भी सच्चाई हो। पाकिस्तान में आईएस की मौजूदगी का खंडन करके सरकार सतर्कता से समझौता कर रही है।अखबार के मुताबिक, यह मानकर कि आईएस का खतरा बेहद दूर है पुलिस, सरकार, सुरक्षा एजेंसियां और यहां तक कि आम आदमी अन्य खतरों के बारे में ही सोचते रहेंगे और संगठन को और अधिक फलने-फूलने का मौका मिलेगा। अखबार के मुताबिक, इस समय सतर्कता बेहद जरूरी है।