दरअसल, बाजवा के तीन साल की सेवा विस्तार को रद्द करते हुए सशर्त 6 माह तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। गुरुवार को सुनाए गए इस फैसले को इमरान खान सरकार के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
कोर्ट ने कहा कि इमरान सरकार ने बाजवा के कार्यकाल को 3 साल बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया वो नियम के मुताबिक ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरे पाकिस्तान में भूचाल आ गया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पाकिस्तानी सियासतदान और सैन्य अधिकारी सकते में हैं।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली 3 सदस्यीय बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। चीफ जस्टिस आसिफ साईद खान खोसा के अलावा इस बेंच में जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल और जस्टिस मंसूर अली शाह शामिल थे।
सरकार जल्दी से लेकर आए कानून: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में जल्दी ही जरूरी कानून लेकर आए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा के कार्यकाल के विस्तार से जुड़ी अधिसूचना पर रोक लगा दी थी।
जिसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई थी। बता दें कि पुराने नियम के मुताबिक बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होते, हालांकि अब कोर्ट के आदेश के बाद वे अगले 6 महीने तक इस पद पर बने रह सकते हैं।
पाकिस्तान: आर्मी चीफ बाजवा के बदले तेवर, कहा- अब गरीबी और निरक्षरता को खत्म करने के लिए लड़ेंगे
इधर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सेनाध्यक्ष के कार्यकाल के किसी भी विस्तार पर कोई भी अधिसूचना COAS यानी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के मौजूदा कार्यकाल के पूरा होने के बाद ही जारी की जा सकती है।
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