स्टूडेंट्स के साथ राजसत्ता ने बर्बरता की
प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने अपना और अपने विश्वविद्यालय का नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि ‘दहशत का यह दौर CAA और NRC के खिलाफ जारी प्रतिरोध के कारण है। छात्र ने कहा कि भारत सरकार इस कानून का इस्तेमाल मुसलमानों समेत अन्य कमजोर तबकों के खिलाफ करेगी। जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और JNU के आंदोलनरत स्टूडेंट्स के साथ राजसत्ता ने बर्बरता की है।’
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पाकिस्तान में भी होता है छात्रों पर बर्बरता
प्रदर्शन में शामिल एक छात्रा ने भी अपना और अपने विश्वविद्यालय का नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘IUFU भारत में विद्यार्थियों के खिलाफ हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करता है। यहां पाकिस्तान में भी हम विद्यार्थियों के साथ ऐसा होता है। हमारे साथियों को अगवा कर लिया जाता है और हिरासत में ले लिया जाता है।’
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छात्रा ने कहा, ‘हम आपको अपना नाम नहीं बता सकते क्योंकि हम डरे हुए हैं। और हां, हम सीमापार के (भारत के) अपने साथी विद्यार्थियों के साथ हैं क्योंकि हम बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं कि वे किस दौर से गुजर रहे होंगे। यहां (पाकिस्तान में) छात्रों की तुलना में छात्राओं को अधिक सहना पड़ता है। हमें हमारे विश्वविद्यालयों में उत्पीड़ित किया जाता है और अगर हम शिकायत करें तो प्रबंधन के लोग हमारा और उत्पीड़न करते हैं।’
सीमापार के साथी विद्यार्थियों के प्रति एकजुटता का संदेश
प्रदर्शन में भाग लेने के लिए लाहौर से विमान से कराची आए एक छात्र ने कहा, ‘ऐसा ही प्रदर्शन पूरे पाकिस्तान में हो रहा है। यह सीमापार के हमारे साथी विद्यार्थियों के प्रति हमारी एकजुटता का संदेश है। हमारी मांग है कि संयुक्त राष्ट्र भारत सरकार को विद्यार्थियों के प्रति इस तरह की कार्रवाइयों से रोके। हमारी भारत और पाकिस्तान की सरकारों से मांग है कि वे द्विपक्षीय संबंध बेहतर करें और दुनिया में अन्य जगहों पर जैसे पड़ोसी देशों के लोग दोस्ती से रहते हैं, वैसे ही हम दोनों देशों के नागरिक मित्रता के साथ रह सकें।’