देश से बाहर दुबई में रह रहे मुशर्रफ की फांसी की सजा के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। बता दें कि मुशर्रफ को संविधान का उल्लंघन कर आपातकाल लगाने के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है।
पाकिस्तान: इमरान सरकार का बड़ा फैसला, मुशर्रफ को फांसी की सजा देने वाले जज पर होगी कार्रवाई
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मुशर्रफ को दी गई मौत की सजा के खिलाफ पाकिस्तान के छोटे-बड़े, सभी शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। पंजाब के शहर गुजरांवाला में वकीलों और नागरिकों ने एक बड़ा मार्च निकाला और पाकिस्तानी फौज के समर्थन में नारे लगाए।
बहावलपुर में आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली और मुशर्रफ जिंदाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ‘देश की सुरक्षा करने वाला भला गद्दार कैसे करार दिया जा सकता है।’ सादिकाबाद नाम की जगह पर कुछ लोगों ने ‘मुशर्रफ प्रेमी संगठन’ बनाकर प्रदर्शन किया है।
तीन जजों की बेंच ने 2-1 से सुनाया था फैसला
आपको बता दें कि तीन सदस्यीय बेंच ने मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई थी। इस पीठ में सिंध हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शाहिद करीम और न्यायमूर्ति नाज अकबर शामिल थे। तीनों जजों की बेंच ने 2-1 से फैसला दिया था। इसमें न्यायमूर्ति अकबर सजा के खिलाफ थे, जबकि न्यायधीश सेठ और करीम सजा के पक्ष में थे।
न्यायमूर्ति अहमद सेठ ने सजा के पक्ष में 167 पन्नों के फैसलों में लिखा है कि सबूतों ने साबित कर दिया कि मुशर्रफ ने अपराध किया है। जबकि न्यायमूर्ति करीम ने कहा कि अभियुक्त के तौर पर मुशर्रफ का आचरण बेहद निंदनीय रहा है।
क्योंकि राजद्रोह का मुकदमा शुरू होते ही उन्होंने बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की और मुकदमे को विलंब कराया व सबूतों को मिटाने के भी प्रयास किए। जस्टिस करीम ने कहा कि यदि एक पल के लिए मान भी लें कि वे इस अभियान का हिस्सा नहीं थे तो भी वह संविधान की रक्षा करने में विफल रहे।
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