लंदन में चार आलीशान फ्लैटों पर उनके परिवार के स्वामित्व को लेकर जवाबदेही अदालत ने इसी साल 6 जुलाई को उन्हें दोषी करार दिया था। इसी मामले में शरीफ को उच्च सुरक्षा वाली जेल से एक बख्तरबंद गाड़ी में जवाबदेही अदालत लाया गया। मलिक भ्रष्टाचार के दो अन्य मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। इस दौरान अदालत परिसर में गैर-जरूरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
यहां तक कि मीडिया को भी अदालत परिसर में जाने की आज्ञा नहीं थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- अदालत में शरीफ के पेश होने से पहले गोलियां चलने की आवाज सुनी गई। एक रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि “दंगा निरोधी बल के पुलिसकर्मी ने एक गोली चलाई थी।’
रिपोर्ट के अनुसार- अधिकारी ने कहा कि वे उसकी बंदूक में गोली क्यों लोड की गई थी। गौर हो, शरीफ और उनके दो बेटों के खिलाफ भ्रष्टाचार के लंबित मामलों को शरीफ के आवेदन पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सात अगस्त को न्यायाधीश मलिक की अध्यक्षता वाली दूसरी जवाबदेही अदालत को स्थानांतरित कर दिया था। दरअसल, शरीफ ने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ 16 जुलाई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी और दो अन्य मामलों को स्थानांतरित करने की एक अर्जी भी लगाई थी।