ग्रैंड हैल्थ एलायंस अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर सलमान हसीब ने इस बात की पुष्टि की करते हुए बताया है कि वकीलों ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान कम से कम चार मरीजो की मौत हो गई। डॉक्टर हसीब ने कहा कि ये मरीज़ नाजुक हालत में थे।
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उन्होने बताया कि वकील उत्पात मचाते हुए इमरजेंसी वार्ड में घुस गए और डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के साथ बदसलूकी करने लगे। लिहाजा सभी को अपनी जान बचा कर वहां से भागना पड़ा।
डॉक्टर को फंसाने का दबाव बना रहे थे वकील
बताया जा रहा है कि वकील लाहौर में एक वायरल वीडियो के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक डॉक्टर अपने कुछ दोस्तों को बता रहा है कि कुछ वकीलों नें मिल कर पुलिस महानिदेशक पर एक डॉक्टर को फंसाने का दबाव बनाया था।
वीडियो में डॉक्टर यह भी बता रहा है कि वकील एक डॉक्टर को आतंकवाद निरोधक क़ानून के तहत डॉक्टर पर केस दर्ज करने का दबाब बना रहे थे। डॉक्टर इस वीडियो में आगे यह भी कहता है कि आईजी के मना करने पर भी ये वकील उन पर डॉक्टर पर केस बनाने का दबाव बनाते रहे।
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जब यह वीडियो वायरल हो गया तो वकील उस अस्पताल में पहुंच गए। इसपर डॉक्टरों ने अस्पताल के आने जाने का रास्ता बंद कर दिया। हालांकि वकील जबरदस्ती अस्पताल के अंदर घुस गए और जम कर अस्पताल के भीतर उधम मचाया और तोड़फोड़ की।
इतना ही नहीं वकीलों ने इमरजेंसी वार्ड को भी नहीं बख़्शा। यहां पर भी जम कर उत्पात मचाया जिसकी वजह से चार लोगों की मौत हो गई।
इमरान खान ने इस घटना की निंदा की
मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि वकीलों ने एंबुलेंस तक को भी अस्पताल में नहीं जाने दिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और पत्रकारों के साथ भी वकीलों ने जमकर मारपीट की।
इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें में दिख रहा है कि कई वकीलों के हाथों में बंदूकें थीं और उन्होने हवा में कई राउंड गोलियां भी चलाईं। सूचना मिलने पर जब पाकिस्तान के पंजाब में मंत्री फयाज उल हसन चौहान मौके पर पहुंचे तो वकीलों नें उनके साथ भी धक्का मुक्की की। चौहान ने कहा कि वकीलों ने उनका अपहरण करने की भी कोशिश की।
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इधर पुलिस ने वकीलों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे और लाठी चार्ज भी किया। पुलिस ने कई वकीलों को गिरफ्तार भी किया है।
इस मामले पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुख व्यक्त किया और इसकी निंदा की है। उन्होने कहा है कि क़ानून तोड़ने वालों को बख़्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान की बार काउंसिल ने भी हिंसा की निंदा की है और कहा है कि यह प्रदर्शन कुछ वकीलों के गुटों ने किया था और बार का इस प्रदर्शन से कोई वास्ता नहीं है।
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