सत्ता परिवर्तन के भय से हर दिन गुजर रहे इमरान खान को पाकिस्तान की सेना से एक बड़ी मदद मिली है। दरअसल, पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौलाना फजलुर रहमान से मुलाकात की है और उनसे ‘आजादी मार्च’ नहीं निकालने को कहा है।
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‘जियो न्यूज उर्दू’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ दिन पहले मौलाना फजलुर रहमान और जनरल बावजा की मुलाकात हुई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल बाजवा ने मौलाना को विश्वास दिलाया कि वह लोकतंत्र और संविधान के साथ हैं और वही काम कर रहे हैं जिसकी संविधान उन्हें इजाजत देता है।
अस्थिरता फैलाने की इजाजत नहीं दूंगा: बाजवा
रिपोर्ट में बताया गया है कि जनरल बाजवा ने मौलाना फजल से कहा कि वह एक जिम्मेदार राजनेता हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि इलाके के हालात किस हद तक बिगड़े हुए हैं। यह धरना देने का सही समय नहीं है। इस वक्त दिन-रात एक कर देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम हो रहा है। सैन्य प्रमुख ने साफ कहा कि वह इस समय ‘अस्थिरता फैलाने वाली किसी भी कार्रवाई’ की इजाजत नहीं देंगे।
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सैन्य प्रमुख ने मौलाना के सामने साफ कर दिया कि इमरान संवैधानिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री हैं। उन्हें दरकिनार कर (माइनस कर) कोई बात सोची भी नहीं जा सकती। न वह, न मौलाना, कोई भी प्रधानमंत्री को ‘माइनस’ नहीं कर सकता।
अगर मौलाना अपनी बात पर अड़े रहे तो फिर ‘कुछ और लोग माइनस’ हो सकते हैं। स्थिरता के लिए जान का कोई नुकसान अगर हुआ तो, संविधान की इजाजत के साथ ऐसे भी कदम से पीछे नहीं हटा जाएगा। फिलहाल सैन्य प्रमुख के साथ बातचीत को लेकर मौलाना की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
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