अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन के कुछ ही दिनों बाद उसमें फूट पडऩे की अटकलों के बीच तालिबान के सह संस्थापक और उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने जवाब दिया है। बरादर ने अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार में पड़ी दरारों की खबरों को भी गलत बताया है।
मुल्ला बरादर ने इस बात से भी इनकार किया कि वह काबुल में राष्ट्रपति भवन में झड़प के दौरान घायल हो गया था। इससे पहले, तालिबान के कुछ सदस्यों ने कहा था कि बीते हफ्ते अंतरिम सरकार के दो विरोधी गुटों हक्कानी नेटवर्क और बरादर समर्थकों के बीच राष्ट्रपति भवन में विवाद हो गया था।
बताया जा रहा है कि दोनों गुटों में बहस का केंद्र था कि अमरीका के खिलाफ अफगानिस्तान में जीत का योगदान किसका अधिक था। अफगान नेशनल टीवी के साक्षात्कार में मुल्ला बरादर ने कहा कहा कि यह खबर अफवाह है कि मैं अफगानिस्तान से भाग गया हूं या किसी झड़प में घायल हुआ हूं।
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मीडिया में चल रही इन खबरों पर बरादर ने इसमें कोई सच्चाई नहीं है। अल्लाह का शुक्र है कि मैं स्वस्थ्य हूं। यह बात भी पूरी तरह गलत है कि सरकार में दो गुट हैं या फिर हमारे बीच आतंरिक असहमति या दुश्मनी है। बरादर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ही है और देश छोडक़र कहीं बाहर नहीं जा रहा। करीब एक हफ्ते पहले राष्ट्रपति भवन में बरादर और हक्कानी नेटवर्क के नेता खलील उर रहमान के बीच तीखी बहस हो गई थी, इसके बाद दोनों नेताओं के समर्थक भी आपस में लड़ पड़े। खलील उर रहमान तालिबान में शरणार्थी मंत्री है। तालिबानी नेताओं के अनुसार, काबुल के राष्ट्रपति कार्यालय में अंतरिम सरकार में मंत्रियों को बरादर और रहमान के बीच मतभेद हो गए थे।
गत 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही विभिन्न समूहों के बीच नेतृत्व और सरकार गठन को लेकर संघर्ष रहा है। काफी गतिरोध के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो पाया था। इससे पहले, तालिबान सरकार में उप प्रधानमंत्री मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर के बारे में भी बीते एक हफ्ते से चर्चा है कि उसका हक्कानी नेटवर्क के साथ किसी बात को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गुटों के बीच फायरिंग हुई, जिसमें बरादर या तो गंभीर रूप से घायल हुआ है या फिर उसकी मौत हो गई है।
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