नए कानून से हांगकांग की स्वतंत्रता पर खतरा
विशेषज्ञों का दावा है कि नया प्रत्यर्पण कानून हांगकांग की स्वतंत्रता पर खतरा बन सकता है। आलोचकों का कहना है कि इस कानून के चलते हांगकांग के लोगों पर हर वक्त चीन की चपेट में आने का खतरा बरकरार रहेगा। चीनी प्रशासन कभी भी राजनैतिक या अनजाने में हुए व्यावसायिक अपराधों के चलते उन्हें अपने कब्जे में ले सकते हैं। इस कानून से शहर की अर्द्ध स्वायत्त (Semi-autonomous) कानून प्रणाली भी कमजोर होगी।
कानून के खिलाफ यूरोपीय संघ का विरोध पत्र
आपको बता दें कि इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ काफी समय से विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बिल ने हांगकांग में राजनीतिक गतिरोध की स्थिति पैदा की है। इसके साथ ही शहर के प्रो-कंजर्वेटिव बिजनेस समुदाय इसके विरोध में हैं। यही नहीं संयुक्त राज्य अमरीका और यूरोपीय संघ (EU) ने भी इस बिल की आलोचना की थी। हांगकांग स्थित EU कार्यालय ने इसके विरोध में आधिकारिक रूप से डिमार्श (विरोध पत्र) जारी किया है। गौरतलब है कि वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने चीन को हांगकांग सौंपते हुए शर्त रखी थी कि ‘वन कंट्री, टू सिस्टम’ सिद्धांत का अनुशरण किया जाएगा। इससे हांगकांग की स्वायत्तता बरकरार रहेगी।