भारत में प्रतिबंधित किए जा चुके जेकेएलएफ का नेतृत्व अलगाववादी नेता यासीन मलिक कर रहे हैं, जो फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। बता दें कि यह संगठन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी सक्रिय है।
पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण को लेकर दिल्ली में सिख समुदाय का प्रदर्शन, फूंका इमरान का पुतला
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित समाचार के अनुसार, संगठन ने पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी कब्जे वाली कश्मीर की सरकार से इस मार्च में किसी तरह की बाधा नहीं पैदा करने का आग्रह किया है।
30 अगस्त को रावलपिंडी में लिया जाएगा फैसला
जेकेएलएफ के केंद्रीय प्रवक्ता मोहम्मद रफीक डार ने एक प्रेस कांफ्रेंस में इस मार्च का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ‘भारत के कब्जे वाले कश्मीर’ के लोगों से एकजुटता दिखाने और इनकी समस्याओं की तरफ दुनिया का ध्यान दिलाने के लिए यह मार्च भिम्भर से एलओसी के छकोटी तक निकाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम मसले का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक हल चाहते हैं। मार्च का नेतृत्व जेकेएलएफ के कार्यकारी चेयरमैन अब्दुल हमीद बट करेंगे।
कश्मीर पर पाकिस्तान की फजीहत जारी, लंदन में आग भड़काने गए पाक नेताओं पर फेंके गए जूते-अंडे
एलओसी के संदर्भ में डार ने कहा कि हम छकोटी सेक्टर में जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाली संघर्षविराम रेखा को ‘रौंद डालेंगे। उन्होंने कहा कि मार्च का फैसला 30 अगस्त को रावलपिंडी में जेकेएलएफ की सुप्रीम कौंसिल में लिया गया।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर ‘आजाद कश्मीर’ (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) की सरकार चार अक्टूबर से पहले या बाद में हमारे साथ एलओसी पार करना चाहती है तो हम मार्च की तिथि में बदलाव के लिए तैयार हैं।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.