इस बैठक में रूस के अलावा पाकिस्तान, चीन और अमरीका शामिल हो सकते हैं। विस्तारिका ट्रोइका नाम की यह बैठक 11 अगस्त को कतर में हो रही है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब रूस ने अफगानिस्तान को लेकर हुई बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया। ऐसे में भारत और रूस के बीच संबंधों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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पुतिन ने जो बैठक बुलाई है, वह आगामी 11 अगस्त को कतर की राजधानी दोहा में होनी है। रूस ने इससे पहले अफगानिस्तान पर गत 18 मार्च और 30 अप्रैल को भी बैठक की थी। अफगानिस्तान में शांति लाने और राष्ट्रीय सुलह प्रक्रिया व शर्तें तय करने के लिए रूस मास्को फार्मेट भी आयोजित कर रहा है। इन बैठकों में भी रूस ने भारत को छोड़ बाकी देशों को बुलाया था।
वहीं, भारत और रूस के संबंधों पर उठ रहे सवालों के बीच वहां के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गत जुलाई में ताशकंद में एक बयान दिया था। इसमें सर्गेई ने कहा था कि रूस और भारत साथ काम करते रहेंगे। इसके अलावा, उन देशों के साथ भी बात की जाएगी, जो अफगानिस्तान में स्थिति पर असर डाल सकते हैं। सर्गेई के इस बयान के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भारत को आगामी विस्तारिका ट्रोइका बैठक में शामिल किया जा सकता है। भारत की ओर से फिलहाल विस्तारिका ट्रोइका बैठक को लेकर कोई बयान नहीं आया है।
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वैसे, बीते कुछ वर्षों से भारत और रूस के संबंधों की मजबूती पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस साल की शुरुआत में भारत और रूस के बीच शिखर सम्मेलन प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे रद्द कर दिया गया। इस बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल होने वाले थे। वर्ष 2000 के बाद यह पहली बार है, जब भारत और रूस के बीच शिखर सम्मेलन को टाला गया है। यह बैठक बीते 20 साल से लगातार आयोजित हो रही थी।