एशिया

भारत-नेपाल के बीच शुरू होगी रेल सेवा, दोनों देशों में हुए अहम समझौते

India-Nepal Rail Services: भारत नेपाल के बीच बहुत जल्द रेल सेवा शुरू हो जाएगी। भारत और नेपाल ने 2004 के भारत-नेपाल रेल सेवा समझौते (RSA) को संशोधित करने के लिए एक विनिमय पत्र (LoE) पर हस्ताक्षर किए हैं।

Jul 09, 2021 / 08:15 pm

Anil Kumar

India-Nepal signs Rail Services Agreement, Rail service will start both countries Soon

काठमांडू। भारत और नेपाल के बीच ट्रेन सेवा बहाल करने को लेकर कई अहम समझौते किए गए। शुक्रवार को दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और नेपाल ने 2004 के भारत-नेपाल रेल सेवा समझौते (RSA) को संशोधित करने के लिए एक विनिमय पत्र (LoE) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो भारतीय रेलवे माल सेवाओं के माध्यम से माल के आयात और निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा।

काठमांडू में भारतीय दूतावास से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, शुक्रवार को दोनों देशों की सरकारों के बीच नोट वर्बल और हस्ताक्षर किए हुए LoE की प्रतियों के आदान-प्रदान के लिए एक वर्चुअल समारोह आयोजित किया गया था।

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भारत की ओर से इस समारोह का नेतृत्व रेल मंत्रालय के सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) संजय कुमार मोहंती ने किया। जबकि नेपाल की ओर से इसका नेतृत्व वाणिज्य, उद्योग और आपूर्ति मंत्रालय के सचिव दिनेश भट्टराई ने किया।

इस समारोह में नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा, भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य, भारत के विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (उत्तर) अनुराग श्रीवास्तव और नेपाल के विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (दक्षिण एशिया) तीर्थ राज वागले की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

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दोनों देशों के बीच बढ़ेंगी ये अहम सुविधाएं

LoE के लागू होने के साथ ही अब सभी अधिकृत कार्गो ट्रेन ऑपरेटर जिनमें सार्वजनिक और निजी कंटेनर ट्रेन ऑपरेटर, ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर, विशेष माल ट्रेन ऑपरेटर या भारतीय रेलवे द्वारा अधिकृत कोई अन्य ऑपरेटर शामिल हैं, नेपाल के कंटेनर और अन्य माल ढुलाई के लिए भारतीय रेलवे नेटवर्क का उपयोग करने में सक्षम होंगे। दोनों देश द्विपक्षीय या फिर तीसरे देश के बीच भारतीय बंदरगाहों से नेपाल तक रेल नेटवर्का का उपयोग कर सकेंगे।

विज्ञप्ति में कहा गया है, “यह उदारीकरण नेपाल में रेल माल ढुलाई खंड में बाजार की ताकतों को आने की अनुमति देगा, और इससे दक्षता और लागत-प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होने की संभावना है, अंततः नेपाली व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।”

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विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, “LoE भारत-नेपाल आरएसए के कई अन्य हिस्सों को भी अपडेट करता है और उन्हें भारतीय और नेपाली रेलवे की नवीनतम परिचालन और बुनियादी ढांचे की स्थिति के अनुरूप लाता है। इसलिए यह “पड़ोसी पहले” नीति के तहत क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के भारत के प्रयासों में एक और मील का पत्थर है।

इसके अलावा, इस एलओई के बाद, सभी श्रेणियों के वैगनों में सभी प्रकार के कार्गो जो भारत के भीतर भारतीय रेलवे नेटवर्क पर माल ढुलाई कर सकते हैं, वे भी नेपाल से माल ले जा सकते हैं। उदारीकरण विशेष रूप से ऑटोमोबाइल और कुछ अन्य उत्पादों के लिए परिवहन लागत को कम करेगा जिनकी ढुलाई विशेष वैगनों में होती है। नेपाल रेलवे कंपनी के स्वामित्व वाले वैगनों को भी आईआर मानकों और प्रक्रियाओं के अनुसार भारतीय रेलवे नेटवर्क पर नेपाल जाने वाले माल (कोलकाता/हल्दिया से विराटनगर/बीरगंज मार्गों पर आने वाली और बाहर जाने वाली) को ले जाने के लिए अधिकृत किया जाएगा।

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