दरअसल, बीते कई महीनों से भारत-नेपाल के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को लेकर तनाव बना हुआ है। पहले नेपाल ने भारत के तीन इलाकों को अपने नक्शे में शामिल कर संसद से पारित कराया तो वहीं, अब लिपुलेख में भारी संख्या में सेना की तैनाती कर दी है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल ने इस पूरे इलाके में सेना की एक पूरी बटालियन को ही तैनात कर दिया है। इससे पूरे इलाके में माहौल गरमा गया है। भारत और नेपाल के बीच तनाव की स्थिति काफी बढ़ गई है। नेपाल सरकार ने तैनात किए गए बटालियन को साफ आदेश दिया है कि भारतीय सेना की हर गतिविध पर पूरी नजर रखें।
एनपीएफ की 44वीं बटालियन तैनात
आपको बता दें कि भारत के जिन तीन इलाकों ( लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा ) को नेपाल ने अपने नक्शे में शामिल किया है उसे ट्राई-जंक्शन कहा जाता है, क्योंकि ये वो इलाका है जहां भारत, नेपाल और चीन की सीमाएं मिलती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच नेपाल ने लिपुलेख में आर्म्ड पुलिस फोर्स ( NPF ) की 44वीं बटालियन को तैनात कर दिया है। पिछले हफ्ते नेपाल के गृह मंत्रालय ने इसको लेकर सेना को एक आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, ऐसे में लिपुलेख सीमा की सख्त निगरानी जरूरी है।
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नेपाल गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यहां पर चीन की 150 लाइट कम्बाइंड आर्म्स ब्रिगेड भी तैनात है। चीन ने पिछले महीने ही भारत के साथ तनाव के बीच इस इलाके में सेना को तैनात किया है। इस इलाके से करीब 10 किलोमीटर दूर पाला क्षेत्र है, जहां पर चीन की चौकी मौजूद है। कुछ समय पहले भारत ने लिपुलेख में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर सड़क निर्माण किया है।
भारत-चीन में बढ़ता तकरार
आपको बता दें कि लद्दाख सीमा पर भारत-चीन के बीच तनाव गहराता जा रहा है। दोनों ही देश अपने-अपने सीमा क्षेत्र में युद्ध की आशंका के मद्देनजर भारी मात्रा में हथियार और सैनिकों की तैनाती की है। चूंकि चीन को ये मालूम है कि भारतीय सेना पहाड़ों पर युद्ध लड़ने में काफी सक्षम है, लिहाजा भारत पर दबाव बनाने के लिए नेपाल के कंधे का इस्तेमाल कर रहा है। फिलहाल, बढ़ते तनाव के बीच भारत-चीन के सैन्य अधिकारी लगातार बातचीत कर तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।