नवाज शरीफ ने भी कबूला था गुनाह
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी एक अखबार को दिए साक्षात्कार में मुंबई हमले में पाकिस्तान का हाथ होना स्वीकार किया था। नवाज ने कहा था कि मुंबई हमले के लिए पाकिस्तान की धरती से ही आतंकी गए थे। शरीफ के इस बयान के बाद पाकिस्तान में तहलका मच गया था। अब देखना है कि इमरान खान के इस कबूलनामे के बाद पाकिस्तानी सेना का क्या रुख रहता है।
भारत के रूख से इमरान हुए मजबूर
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान कई बार भारत के साथ फिर से बातचीत शुरू करने की वकालत कर चुके हैं। अभी हाल में ही पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को निमंत्रण दिया था। दो केंद्रीय मंत्रियों के भेजने के बाद भारत ने यह साफ कर दिया था कि जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को बढ़ावा देना नहीं बंद करेगा तब तक उसके साथ बातचीत नहीं की जा सकती। भारत के इस रूख से ही परेशान होकर इमरान खान ने मुंबई हमले के दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।
2008 को हुआ था मुंबई में हमला
बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने मुंबई के ऐतिहासिक ताज होटल पर हमला किया था। इसके अलावा शहर के कई इलाकों को निशाना बनाया था। इस आतंकी हमले में करीब 166 लोग मारे गए थे जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है। अब इमरान के इस बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या पाकिस्तान सरकार हाफिज सईद पर कार्रवाई करेगी।