दरअसल पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के साथ ही इमरान खान दुनियाभर से सुर्खियां बंटोर रहे हैं कभी अपने बयानों और नीतियों को लेकर तो कभी देश के खस्ता हाल पर। खास बात यह है कि तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के उबारने को लेकर इमरान खान की कोशिशें भी उनकी आलोचना का कारण बनती जा रही हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने आईएमएफ के कर्ज के बारे में देश से एक बार फिर से झूठ बोला है। वित्त मंत्री असद उमर ने आईएमएफ के साथ सौदेबाजी के बारे में पाकिस्तान के लोगों को गुमराह किया है। पाकिस्तान के लोगों को समझौते की शर्तें जानने का अधिकार है।
ताजा मामले में पीएमएल-एन ने खान पर आरोप लगाया कि मुद्राकोष (आईएमएफ) से कर्ज लेने के लिए गोपनीय तरीके से उसकी शर्तों को मानने से पाकिस्तानी रुपए की विनिमय दर में ऐतिहासिक गिरावट आई है। पाकिस्तानी रुपया शुक्रवार को गिरकर प्रति अमरीकी डालर 144 पर पहुंच गया। पाकिस्तानी मुद्रा का ये न्यूनतम स्तर है।
100 दिन की उपलब्धि के ठीक बाद गिरा स्तर
पीएमएल-एन की केंद्रीय प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी रुपये की ऐतिहासिक गिरावट यह दिखाता है कि इमरान खान सरकार ने बिना किसी से राय-मशविरा किए आईएमएफ के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया है। इससे तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तानियों पर महंगाई की भी मार पड़ेगी। इमरान खान को इस्तीफा देना चाहिये क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के लोगों को धोखा दिया है।
पीएमएल-एन की केंद्रीय प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी रुपये की ऐतिहासिक गिरावट यह दिखाता है कि इमरान खान सरकार ने बिना किसी से राय-मशविरा किए आईएमएफ के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया है। इससे तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तानियों पर महंगाई की भी मार पड़ेगी। इमरान खान को इस्तीफा देना चाहिये क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के लोगों को धोखा दिया है।
आपको बता दें कि इमरान खान सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों के जश्न के एक दिन बाद पाकिस्तान के रुपये में यह गिरावट दिखी है। जानकारों का मानना है कि स्थानीय मुद्रा का अवमूल्यन पाकिस्तान सरकार की मुद्राकोष से कर्ज लेने के लिए चल रही बातचीत से जुड़ा है।