दरअसल, चीन ने शुक्रवार को एक नए चीनी कुआइझोउ-11 वाणिज्यिक रॉकेट ( Chinese Kuaizhou-11 rocket ) का प्रक्षेपण किया जो विफल हो गया। इसके कारण चीन के दो उपग्रहों को भी नुकसान पहुंचा है। उत्तर पश्चिमी चीन में स्थित जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर ( Jiuquan Satellite Launch Center ) से कुआइझोउ-11 को देर रात 12 बजकर 17 मिनट पर ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉंचर के जरिए प्रक्षेपित किया गया था।
लॉंचिंग के वीडियो फुटेज में ये दिखाई दे रहा है कि रॉकेट ने एक मिनट तक सही काम किया। उसके बाद अलग होने के पहले और दूसरे चरण के बीच की कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं है। चीनी मीडिया के हवाले से टेरसे का कहना है कि इस विफलता के विशिष्ट कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है और विश्लेषण भी किया जा रहा है।
चीन को इस साल लगे तीन झटके
आपको बता दें कि इस साल चीन को तीन झटके लगे हैं। चीन को इस साल तीन विफलताएं मिली हैं। मार्च में लॉंग मार्च 7 ए को पहली बार लॉंच किया गया था, जो कि एक समय बढ़ने के साथ हाइपरगोलिक लॉंग मार्च 3 बी ( hypergolic Long March ) की जगह ले सकता है। इसके बाद अप्रैल में लॉंचर विफल हो गया, जिसके परिणामस्वरूप इंडोनेशियाई पालपा-एन 1 संचार उपग्रह को नुकसान हुआ।
पहला पेलोड चंगगुंग सैटेलाइट कंपनी लिमिटेड द्वारा विकसित एक जिलिन-1 वीडियो उपग्रह था। चंगगुंग सैटेलाइट चीनी अकादमी ऑफ साइंसेज के तहत राज्य के स्वामित्व वाली चांगचुन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स, फाइन मैकेनिक्स और फिजिक्स का एक वाणिज्यिक ऑफशूट है।
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जबकि दूसरा उपग्रह सेंटीस्पेस-1-एस2 ( CentiSpace-1-S2 ) था। यह उपग्रह बीजिंग फ्यूचर नेविगेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड के लिए विकसित की गई लो-अर्थ ऑर्बिट नेविगेशन इन्हांसमेंट के लिए था। बता दें कि कुआइझोउ-11 को 2018 में शुरू किया जाना था, लेकिन तकनीकी कारणों से नहीं हो सका था।
2019 में सीसीटीवी द्वारा प्रकाशित फुटेज ने पहले चरण के इंजन परीक्षण के दौरान विस्फोटक विफलता होने का सुझाव दिया था। यह मिशन चीन का 2020 तक 19वां प्रक्षेपण था। इससे पहले गुरुवार को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में APSTAR-6D संचार उपग्रह का सफल प्रक्षेपण करने में कामयाबी मिली थी।
मालूम हो कि कुआइझोउ-11 एक्सपोज द्वारा संचालित कुआइझोउ-1ए रॉकेट का बड़ा संस्करण है। Kuaizhou-11 एक्सपेस्ट द्वारा संचालित Kuaizhou-1A सॉलिड रॉकेट का एक बड़ा संस्करण है। रॉकेट का व्यास 2.2 मीटर है, जिसका भार 78 टन है। यह 1,000 किलोग्राम सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में 700किलोमीटर तक पहुंचाने में सक्षम है।