किम ने अपने पहले छह वर्षों के शासन में देश नहीं छोड़ा था लेकिन अब वह ताबड़तोड़ यात्राएं कर रहे हैं। उत्तरी कोरिया के एकमात्र ‘असली’ सहयोगी चीन की यह यात्रा तीन महीने में इस युवा तानाशाह की तीसरी चीन यात्रा होगी। इससे पहले वह मार्च के अंत में बीजिंग और मई में पूर्वोत्तर शहर डालियान गए थे। चीन ने काफी हद तक वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच राजनयिक असंतोष में किम जोंग का समर्थन किया है। बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने किम जोंग एयर चाइना के विमान से ही गए थे।
गौरतलब है कि 12 जून को सिंगापुर में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच लम्बे समय से प्रतीक्षित शिखर वार्ता संपन्न हुई। दोनों देशों के नेताओं की यह मुलाकात एकांत में हुई । इस दौरान वहां केवल अनुवादक मौजूद थे । मुलाकात के बाद दोनों नेता बेहद प्रसन्न दिखे।