यही कारण है कि दुनियाभर में मचे हाहाकार के बीच इसे फैलने से रोकने के लिए तमाम तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इन सबके बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जो बहुत ही चौंकाने वाला है।
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दरअसल, इस जानलेवा वायरस के खतरे से लड़ने के लिए संक्रमित मरीजों को खाने में कछुए का मांस ( Turtle Meat ) दिया जा रहा है। इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि अभी तक जो उभरकर सामने आया है उसके मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस चमगादड़ का सूप ( Soup Of Bat ) पीने से इंसानों में पहुंचा है।
वीडियो हो रहा है वायरल
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान के अस्पतालों में इस वायरस से संक्रमित मरीजों को अलग रखा गया है और उन्हें रात को खाने में कछुए का मांस दिया जा रहा है। चीनी मीडिया में इसका एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें एक व्यक्ति दावा कर रहा है कि आज के खाने में नरम कवच वाले कछुए का मांस दिया गया।
कछुए का सूप वाला ये वीाडियो तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए अस्थाई अस्पताल में बनाया गया है। वीडियो में एक मरीज यह कहते हुए दिखाई दे रहा है आज के हमारे खाने में कछुए का नरम खोल वाला मांस शामिल है।
मालूम हो कि चीनी विशेषज्ञ व लोग मानते हैं कि उनके देश में पाए जाने वाला कछुआ प्रोटीन से भरपूर होता है और इसे खाने से बीमार लोग तेजी से ठीक हो जाते हैं।
वैज्ञानिकों के अलग-अलग दावे
इस बीच चीन के एक वैज्ञानिक ने करॉना वायरस के इंसानों में प्रवेश को लेकर अलग ही दावा किया है। चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया कि करॉना वायरस चमगादड़ या सांप खाने से इंसानों में नहीं पहुंचा, बल्कि इसके पीछे पैंगोलिन (विशालकाय छिपकली) है। साउथ चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि पैंगोलिन की वजह से इंसानों में करॉना वायरस पहुंचा।
बहरहाल, इसको लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं और उसी के आधार पर इसके समाधान ढुंढने का प्रयास किया जा रहा है।
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