चीन के कैबिनेट के राज्य परिषद ने अपने नीति निर्देश पत्र में कहा कि वह चिकित्सा अनुसंधान या उपचार में गैंडो की सींग और बाघ की हड्डियों के उपयोग को वैध बनाने के लिए कौन लाएगी। लेकिन साथ ही उसने यह भी कहा कि ऐसा प्रयोग प्रमाणित अस्पतालों और डॉक्टरों द्वारा ही किया जा सकेगा। यह प्रयोग केवल उन्हीं बाघों और गैंडों पर किया जाएगा जिन्हें जंगलों से पकड़ा जाएगा। इस घोषणा के बाद पर्यावरणविदों के बीच चिंता व्याप्त हो गई है। पर्यावरणविदों ने कहा कि इस निर्णय से जंगली गैंडो और बाघों के अंगों और उनकी हड्डियों की ब्लैक मार्केटिंग बढ़ जाएगी। बता दें कि परंपरागत चीनी दवाओं में गैंडे की सींग और बाघ की हड्डियों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा मना जाता हैं कि इन दोनों जानवरों की हड्डियों में हीलर पावर होती है। बता दें कि एक अनुमान के अनुसार चीन के जंगलों में 30,000 से अधिक राइनो और 3,900 बाघ हैं।
वॉशिंगटन में वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड में वन्यजीव नीति के निदेशक लेघ हेनरी ने कहा, “यह एक विनाशकारी निर्णय है।” डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने बाघों की हड्डियों और गैंडो के सींग के व्यापार पर प्रतिबंध बनाए रखने के लिए चीन से अपील की है।उधर सोमवार को घोषणा से चीन के राष्ट्रपति के उस दावे को धक्का लगा है जिसमें उन्होंने कहा था कि जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण जैसे वैश्विक मुद्दों से निपटने में चीन एक जिम्मेदार पर्यावरणीय प्रबंधक की भूमिका निभाएगा। अमरीका के सैन फ्रांसिस्को में स्थित एक पर्यावरणीय समूह वाइल्ड एड के मुख्य कार्यकारी पीटर नाइट्स ने कहा, “प्रजातियों की कीमत पर शायद बहुत से लोग पैसे कमा सकते हैं।लेकिन यह एक बेहद अनैतिक व्यापार का मामला है।
बता दें कि 2016 में चीन ने घोषणा की कि वह हाथीदांत की बिक्री पर प्रतिबंध लगाएगा। इस साल की शुरुआत में चीन ने इस प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू किया गया था। इसे उसके महत्वपूर्ण कदम के रूप में व्यापक रूप से सराहना की गई थी। चीन ने 1993 में दवाओं में बाघ की हड्डियों और गैंडे की सींग के प्रयोग पर बैन लगा दिया था। हालांकि जबकि पारंपरिक चीनी दवा के निर्माताओं ने प्रतिबंधों के बाद आधिकारिक तौर पर वर्षों से गैंडे की सींग और बाघ की हड्डी के उपयोग को हतोत्साहित किया है, लेकिन इनका काला भूमिगत कारोबार जारी रहा है।
पारम्परिक चीनी दवा में राइनो सींग का प्रयोग बुखार, गठिया और खाद्य विषाक्तता सहित विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। जबकि बाघ की हड्डी, सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, पुरुषों की जनन क्षमता बढ़ाने में इस्तेमाल होती है।