चीन ने अपने नए कदमों का एलान करते हुए कहा है कि अब वह पाकिस्तान को नकदी के रूप में कर्ज नहीं देगा बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए वहां दीर्घकालिक निवेश करेगाा। चीन का कहना है कि वह पाकिस्तान को मंझधार में नहीं छोड़ेगा और उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए दीर्घकालिक उपाय करेगा। बता दें कि पिछले महीने पाक पीएम इमरान खान चीन के दौरे पर गए थे। माना जा रहा था कि उनके इस कदम के पीछे आर्थिक सहायता एक बड़ी वजह थी। बीते सालों में पाकिस्तान ने बहुत अधिक कर्ज लिया है। पाकिस्तान के कर्ज में सबसे बड़ा हिस्सा चीन का है। अब चीन का कहना है कि वित्तीय संकट में पड़े पाकिस्तान को कर्ज देने के बजाय चीन वहां कई क्षेत्रों में निवेश करेगा। पिछले महीने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने चीन का दौरा किया था। लौटने पर उन्होंने दावा किया कि यह यात्रा सबसे सफल थी और उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान की खुलकर मदद करेगा। हालांकि उस समय यह नहीं बताया गया था कि चीन की मदद कितनी होगी और किस रूप में होगी।
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भारत के लिए टेंशन ?चीन के इस कदम को भारत के लिए तनाव पैदा करने वाला कहा जा रहा है। अभी तक चीन का रुख पाकिस्तान की मदद करने वाला रहा है लेकिन अब चीन पाकिस्तान में स्थाई निवेश करने की बात कर रहा है। यह भारत के लिहाज से अच्छी बात नहीं है। चीन की पाकिस्तान में उपस्थिति दोनों देशों को और भी करीब आने को प्रेरित करेगी। दोनों देशों के साझा हित मिलकर भारत से टकराएंगे जो भारत के लिए दीर्घकालिक रूप से अच्छा संकेत नहीं है। बता दें कि चीन की पिछली मदद के बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने घोषणा की कि पाकिस्तान के भुगतान संकट का संतुलन प्रभावी ढंग से सुधार लिया गया है। लाहौर में चीनी कॉन्सुलेट जनरल लांग डिंगबिन ने जियो न्यूज से बात करते हुए कहा, ‘नकदी के बजाय चीन पाकिस्तान को कई तरह के बेलआउट पैकेज देने की योजना बना रहा है। इसके तहत चीन कई परियोजनाओं में निवेश करेगा। बता दें कि अभी तक भारत चीन और पाकिस्तान के सीपीईसी की ही काट नहीं ढूंढ पाया है। ऐसे में चीन का नया एलान उसकी मुश्किलें बढ़ाने वाला होगा।