चीन में नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक झांग वेनहोंग का कहना है कि चीन में एक सप्ताह के भीतर संक्रमण के चरम पर पहुंचने की आशंका है। पीक पर पहुंचने से गंभीर बीमारी की दर भी बढ़ेगी, जिसका चिकित्सा संसाधनों पर बड़ा दबाव बनेगा। इसके बाद लहर एक या दो महीने तक चल सकती है।
चीन द्वारा अपनी शून्य-कोविड नीति को हटाए जाने के बाद से विश्व स्वास्थ्य संगठन को चीन से कोई डेटा प्राप्त नहीं हुआ है। डब्लूएचओ ने कहा है कि डेटा में अंतराल चीनी अधिकारियों के कारण हो सकता है कि वे केवल मामलों की गणना करने के लिए संघर्ष कर रहे हों। इससे पहले भी चीन बढ़ते संदेह के बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को कहा कि चीन सहित सभी देशों को कोविड के अपने अनुभवों पर जानकारी साझा करने की आवश्यकता है।
चीन में वायरस दो रास्ते अपना सकता है। ओमिक्रॉन और इसके सैकड़ों सबवैरिएंट सीधे कई लहरों में आगे बढ़ सकते हैं, जैसा कि इस साल बाकी दुनिया में हो रहा है। दूसरी संभावना यह है कि कुछ और पूरी तरह से विकसित हो सकता है, ठीक उसी तरह जैसे 2021 के अंत में दक्षिणी अफ्रीका में मूल ऑमिक्रॉन उभरा था। यह दुनिया के लिए एक नया खतरा पैदा कर सकता है।
चीन ने पश्चिमी निर्मित एमआरएनए टीकों को रोल आउट करने से मना कर दिया है। कई स्टडी के अनुसार इसके स्वदेशी शॉट्स की तुलना में एमआरएन टीके अधिक प्रभावी हैं। एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञों ने कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के बीच टीकाकरण दर को बढ़ावा देने में विफलता चीन की स्वास्थ्य प्रणाली को खतरे में डाल सकती है।
बुजुर्गों को टीका लगाने का अभियान जो तीन हफ्ते पहले शुरू हुआ था, अब तक फल नहीं दे सका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चीन की समग्र टीकाकरण दर 90% से ऊपर है, लेकिन बूस्टर शॉट लेने वाले वयस्कों की दर घटकर 57.9% और 80 और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए 42.3% हो गई है।
चीन ने अस्पतालों और क्लीनिकों को मजबूत करने और चिकित्सा कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के बजाय पिछले तीन वर्षों में सिर्फ क्वॉरंटीन और टेस्टिंग सुविधाओं पर बड़ा खर्च किया है। ऐसे में बढ़ते मरीजों के साथ चिकित्सा का बुनियादी ढांचा ढह गया है।
एक रिपोर्ट में चीनी डॉक्टर के हवाले से कहा गया है, बीजिंग के शीर्ष अस्पतालों में 80% तक डॉक्टर वायरस से संक्रमित हैं, लेकिन काम करने के लिए मजबूर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, चीन में प्रति 1,000 लोगों पर लगभग 2 चिकित्सक हैं, जबकि जर्मनी में 4.3 और ब्रिटेन में 5.8 है। वहीं, प्रति 100,000 लोगों पर चीन में 3.6 इंटेसिव केयर बेड है, अमेरिका में यह आंकड़ा 34.7, जर्मनी में 29.2 और इटली में 12.5 है।