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चीन में बिजली संकट, दुनियाभर में मोबाइल बिक्री पर होगा असर, पार्ट्स बनाने वाली फैक्ट्रियों में भी रोकना पड़ा काम

माना जा रहा है कि चीन को अगर जल्द ही इस संकट से निजात नहीं मिला तो दुनियाभर में क्रिसमस के दौरान स्मार्टफोन और दूसरे गैजेट्स खरीदने का इंतजार कर रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।
 

Sep 28, 2021 / 09:32 am

Ashutosh Pathak

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नई दिल्ली।

चीन इन दिनों बड़े स्तर पर बिजली संकट से जूझ रहा है। यहां सरकारी उपक्रमों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए शहरों में बड़े पैमानें पर बिजली कटौती हो रही है। इसकी वजह से कारखाने बंद करने पड़े हैं और कई शहर अंधेरे में डूबे हुए हैं।
माना जा रहा है कि चीन को अगर जल्द ही इस संकट से निजात नहीं मिला तो दुनियाभर में क्रिसमस के दौरान स्मार्टफोन और दूसरे गैजेट्स खरीदने का इंतजार कर रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पूर्वोत्तर में स्थित लियाओयांग शहर में धातु की एक फैक्ट्री में बिजली चले जाने से एसी बंद हो गया। बताया जा रहा है कि इस वजह से फैक्ट्री में जहरीली गैस फैल गई और इससे 23 कर्मचारी बीमार हो गए। इन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। गनीमत यह रही कि किसी कर्मचारी की मौत नहीं हुई।
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वहीं, एपल आईफोन मोबाइल के लिए अलग-अलग पार्ट बनाने वाले एक सप्लायर के अनुसार, उसे शंघाई स्थित अपनी फैक्ट्री में काम रोकना पड़ा, क्योंकि बिजली संकट की वजह से अधिकारियों ने बिजली आपूर्ति में असमर्थता जताई और काम रोकने को कहा। चीनी अधिकारियों की मानें तो आने वाले दिनों में यह संकट और गहरा हो सकता है।
दुनियाभर में क्रिसमस और नए साल के अलावा भारत में यह समय त्योहारों को लेकर खरीदारी का होता है। ऐसे समय में चीन के कारखानों के लिए यह समय सबसे व्यस्त माना जाता है, मगर बिजली संकट के कारण इन दिनों वहां लोग खाली बैठे हैं और कारखानों में ताला लगा है। चीन का यह आर्थिक नुकसान दुनियाभर के बाजार पर असर डाल सकता है।
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विशेषज्ञों की मानें तो सबसे व्यस्त समय में कारखाने बंद करने से यह स्पष्ट है कि चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आर्थिक वृद्धि और प्रदूषण को रोकने के प्रयासों के बीच संतुलन ठीक से नहीं बिठा पा रही और इस वजह से उसे संघर्ष करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ऊर्जा की बचत करने के बीजिंग के संकल्प से लंबे समय के लिए तो फायदा हो सकता है, लेकिन कम अवधि में इसकी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।

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