कश्मीर में सीजफायरः केंद्र सरकार को सेना की बड़ी चेतावनी, बताईं मुसीबतें मरने वालों में ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान सबसे ज्यादा असर म्यांमार सीमा के पास कॉक्स बाजार और रंगमाटी जिलों में हुआ है। गौरतलब है कि म्यांमार में हुई सैन्य कार्रवाई के बाद भागे करीब सात लाख रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश पहुंचे थे। तब से ये इन्हीं इलाकों में बने शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। स्थानीय प्रशासन के अनुसार इलाके में हुई भारी बारिश से आसपास के घरों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। अभी मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक राहत एवं बचाव की कोशिशें जारी हैं, लेकिन प्रभावित लोगों तक पहुंचने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अटल ने हंसते हुए दी थी मीडिया को नसीहत, ‘जितना बीमार हूं उतना ही लिखो’ …ऐसे अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन – पहाड़ों से मलबा बहकर आने से ज्यादातर पीड़ितों की मौत मलबे में दबकर हुई।
– भूस्खलन से आए मलबे की वजह से इलाके की सड़कें जाम हो गई हैं।
– बांग्लादेश के बाकी इलाकों से इस प्रभावित इलाके का संपर्क टूट गया है।
– बाढ़ के चलते रोहिंग्याओं के कई शिविर बह गए।
– शिविर बह जाने से हजारों रोहिंग्या मुस्लिम सड़कों पर आ गए हैं। इनके सामने पहले खड़ी भोजन, आवास और चिकित्सा की समस्या और विकराल हो गई है।
– इलाके में बारिश के चलते बिजली भी गुल हो गई है।
– भूस्खलन से आए मलबे की वजह से इलाके की सड़कें जाम हो गई हैं।
– बांग्लादेश के बाकी इलाकों से इस प्रभावित इलाके का संपर्क टूट गया है।
– बाढ़ के चलते रोहिंग्याओं के कई शिविर बह गए।
– शिविर बह जाने से हजारों रोहिंग्या मुस्लिम सड़कों पर आ गए हैं। इनके सामने पहले खड़ी भोजन, आवास और चिकित्सा की समस्या और विकराल हो गई है।
– इलाके में बारिश के चलते बिजली भी गुल हो गई है।