रिपोर्ट में सेना के हवाले से कहा गया है कि चीनी सेना ने चेरडोंग-नरलोंग नालान क्षेत्र में पांच तंबू लगाए थे, लेकिन उनमें से तीन को उन्होंने हटा लिया है। इसमें यह भी बताया गया है कि चीन ने तीन तंबू दोनों देशों की सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत होने के बाद हटाए हैं। किंतु अभी भी वहां चीनी सेना के दो तंबू मौजूद हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार- इन तंबुओं में अभी भी चीनी सैनिक तैनात हैं। लेकिन सारे घटनाक्रम पर सेना के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि चीनी सैनिक जुलाई के पहले हफ्ते कुछ मवेशियों को लेकर खानाबदोशों के रूप में भारतीय जमीन पर आए थे। उन्हें वापस भेजने के लिए भारतीय सैनिकों ने कई बार बैनर ड्रिल की प्रक्रिया को दोहराया। लेकिन इसके बाद भी चीनी सैनिक वहां से वापस नहीं गए। जब भी चीनी सैनिक भारतीय जमीन पर घुसपैठ करते हैं तो उन्हें बैनर ड्रिल प्रक्रिया के तहत झंडे दिखाकर वापस जाने को कहा जाता है। किंतु चीनी सैनिकों ने इसे अनदेखा कर दिया।
रिपोर्ट में सेना के सूत्र के हवाले से लिखा गया है कि इस घटना के बाद दोनों देशों की सेरनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों में बातचीत हुई थी। इसी बातचीत के बाद भारतीय जमीन पर लगाए गए पांच तंबुओं में से तीन को हटा लिया गया।
बता दें कि डेमचोक सेक्टर भारत और चीन सीमा पर स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में उन 23 संवदेनशील और विवादित स्थानों में से एक है, जहां सीमा विवाद के कारण दोनों देशों की सेनाओं के बीच गहमागहमी देखने को मिलती है। ये चिह्नित स्थान लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक मौजूद हैं।