मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने दक्षिण अफगानिस्तान में मंगलवार की रात को सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले में 28 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया है कि यह हिंसा की घटना ऐसे समय में अंजाम दिया गया है, जब तालिबान के नेता और अफगान सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकार कतर की राजधानी दोहा में ऐतिहासिक शांति वार्ता कर रहे हैं।
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प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता जेड. इबादी ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया है कि तालिबानी आतंकियों ने देश के दक्षिणी उरुजगन प्रांत में मंगलवार की देर रात को अंजाम दिया है।
तालिबान ने ली हमले की जिम्मेदारी
आपको बता दें कि पुलिस चौकियों पर हुए हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। तालिबान के एक प्रवक्ता कारी मोहम्मद यूसुफ अहमदी ने हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पुलिस ने उनके लड़ाकों के समक्ष आत्मसमर्पण करने से मना कर दिया, जिसके बाद इस हमले को अंजाम दिया गया।
उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा आत्मसमर्पण करने के बाद उन्हें मार डाला गया। बता दें कि इससे पहले कई बार तालिबानी आतंकियों ने पुलिस को अपना निशाना बनाया है।
दोहा में तालिबान-अफगान सरकार के बीच वार्ता
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में शांति बहाली को लेकर तालिबान और अफगान सरकार के बीच लगातार वार्ता चल रही है। दोनों पक्षों के बीच यह वार्ता कतर की राजधानी दोहा में हो रही है। तालिबान अफगान सरकार से अपने लड़ाकों को रिहा करने की मांग कर रही है, जबकि अफगान सरकार कुछ शर्तों पर अड़ी है। ऐसे में दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रही है।
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इससे पहले इस साल फरवरी में ही अमरीका और तालिबान के बीच दोहा में एक बड़ा समझौता हुआ था। उस समझौते में ये कहा गया था कि अमरीका अफगानिस्तान से एक साल के भीतर अपने सैनिकों की वापसी करेगा, वहीं तालिबान ने भी कहा था कि वह अमरीकी सैनिकों को निशाना नहीं बनाएगा। हालांकि तालिबान ने साफ कर दिया था कि जब तक अफगान सरकार उनकी बातें नहीं मान लेता तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।