पुरानी पेंशन बहाली, पदोन्नति व क्रमोन्नति की मांग को लेकर शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और रैली निकाली। साथ ही कहा कर्मचारी को 30 से 35 साल नौकरी करने के बाद भी पेंशन नहीं, लेकिन सांसद-विधायक भले ही एक दिन के लिए बनें लेकिन पेंशन के आजीवन हकदार हो जाते हैं।
मप्र शिक्षक संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक तहसील परिसर में एकत्रित हुए। जहां से मांगों के स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। शिक्षक संघ के शिवकुमार शर्मा ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है, उनका सहारा है। कर्मचारी को 30-35 साल नौकरी करने के बाद भी पेंशन नहीं लेकिन सांसद-विधायक भले ही एक दिन के लिए बनें लेकिन आजीवन पेंशन के हकदार हो जाते हैं। एक देश में यह दो विधान क्यों? जब विधायिका को पेंशन का अधिकार तो कार्यपालिका को क्यों किया जा रहा है वंचित। साथ ही कहा कि देश में मप्र ऐसा राज्य जहां पदोन्नति व क्रमोन्नति पर रोक लगा रखी है, शिक्षक संवर्ग एक ही पद पर 30 साल की सेवा कर उसी पद से रिटायर हो रहे हैं।
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चेतावनी: मांग नहीं मानी तो भोपाल में जुटेंगे शिक्षक
संगठन के महेश भार्गव ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो 26 फरवरी को पूरे प्रदेश के शिक्षक भोपाल में जुटेंगे और प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन देने वालों में अभिषेक चौधरी, शांतिलाल परिहार, रामकुमार शर्मा, जितेंद्र दांगी, यादवेंद्र यादव, रविशंकर शर्मा, धर्मेंद्र अरोरा, पुरुषोत्तम दुबे, जितेंद्र यादव सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।