चूहों ने खोखला कर डाला ब्रिज
मामला शहर के 30 साल से अधिक पुराने ओवरब्रिज का है। जिसका एक हिस्सा अचानक धंसक जाने से गड्ढ़ा बन गया था, इससे पीडब्ल्यूडी ने आधा ट्राली गिट्टी-डामर भरवाकर मरम्मत कराई थी। लेकिन दूसरे ही दिन फिर से वह हिस्सा धंसक गया और करीब तीन फीट हिस्से में आरपार गड्ढ़ा हो गया है। स्थिति यह है कि ओवरब्रिज का यह हिस्सा तीन दिन में दो बार धंसक चुका है। जानकारी मिली तो प्रशासन में हडक़ंप मच गया। एसडीओ ने भी आकर निरीक्षण किया और चूहों द्वारा कुतरे गए हिस्से को देखकर हैरान नजर आए। यह भी पढ़ें
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चूहों ने मुरम खोद लगाए ढ़ेर, लोहे की प्लेट व सीसी भी कुतर दी
पीडब्ल्यूडी कार्यपालन यंत्री के बाद सेतु निगम की एसडीओ ने भी इसका कारण चूहों को बताया तो पत्रिका ने ब्रिज के क्षतिग्रस्त हिस्से के नीचे जाकर हकीकत जानी। जहां पानी निकासी सिस्टम के पाइपों के पास रिटर्निंग वॉल से सटकर मुरम के ढ़ेर लगे मिले। साथ ही ज्वॉइंट के नीचे सीसी के छोटे-छोटे टुकड़ों के ढ़ेर मिले, इतना ही नहीं ब्रिज के ज्वॉइंट की लोहे की प्लेट भी कुतर दिए जाने से नीचे टूटी पड़ी मिली। यानी रिटर्निंग वॉल के पास ओवरब्रिज पूरी तरह से खोखला हो गया है। इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। यह भी पढ़ें
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बड़ा सवाल: कितने हिस्से में ब्रिज खोखला, नहीं समझ पा रहे अधिकारी
तीन दिन में दो बार ओवरब्रिज का सीसी धंसकने से बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि आखिर चूहों ने ओवरब्रिज के कितने हिस्से को कुतरकर खोखला कर दिया है, यह अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे हैं। ऐसे में ब्रिज खोखला हो जाने से दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है कि कहीं अन्य जगहों पर भी ऐसे ही हालात न हो, क्योंकि शहर में भारी वाहनों की आवाजाही के लिए शहर में सिर्फ एक ही रास्ता है, यदि ब्रिज फिर अन्य कहीं धंसक गया तो ओवरब्रिज का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाएगा और इससे आवाजाही रुक जाएगी। इससे शहरवासियों का कहना है कि इस पर विभाग के साथ प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को भी गंभीरता दिखाने की जरुरत है। यह भी पढ़ें