Read this also: पैदल चल रही सुनीता ने बेटे को दिया जन्म, नाम रखा जीतू पटवारी दरअसल, जिले के एक गांव में ट्रांसफार्मर जलने की वजह से कई दिनों तक भीषण गर्मी से परेशान रहे। बहादुरपुर तहसील के घाटबमूरिया गांव के लोगों ने ट्रांसफार्मर के लिए कई दिनों तक जनप्रतिनिधियों व बिजली अधिकारियों से गुहार लगाई। गर्मी से बेहाल गांववालों की मदद को कोई सामने नहीं आया। बिजली कंपनी ने ट्रांसफार्मर का दस प्रतिशत जमा किए बिना बदलने से इनकार कर दिया। गर्मी से बेहाल गांववाले करते क्या। इन लोगों ने चंदा एकत्र किया और फिर चालीस हजार रुपये जमा कराए। तब जाकर गांव का ट्रांसफार्मर बदला जा सका।
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उधर, उपचुनाव में माइलेज के लिए ट्रांसफार्मर बदले जाने का श्रेय लेने की होड़ मच गई। जनप्रतिनिधियों, सत्ताधारी व विपक्षी दल के कद्दावर नेताओं को इस एक अदद ट्रांसफार्मर बदलवाने का श्रेय उनके समर्थक सोशल मीडिया पर देकर गदर काटने लगे। सब अपने अपने नेता को इसका श्रेय देते और दूसरे का मजाक।
नेताओं का सोशल मीडिया पर श्रेय लेने की होड़ उस वक्त मजाक बन गया जब गांववालों ने कहा कि वे लोग चालीस हजार रुपये जमाकर ट्रांसफार्मर बदलवाए हैं।
बहरहाल, गांववालों ने घाटबमूरिया गांव का ट्रांसफार्मर चंदा लगाकर बदलवा लिया है। परंतु गर्मी में उपचुनाव की तपिश सियासी माहौल को और गर्म किए है। हर पैंतरा अपनाकर समर्थक व नेता खुद को येनकेन प्रकारेण अपना हितैषी जतलाने में जुटे हुए हैं।
उधर, उपचुनाव में माइलेज के लिए ट्रांसफार्मर बदले जाने का श्रेय लेने की होड़ मच गई। जनप्रतिनिधियों, सत्ताधारी व विपक्षी दल के कद्दावर नेताओं को इस एक अदद ट्रांसफार्मर बदलवाने का श्रेय उनके समर्थक सोशल मीडिया पर देकर गदर काटने लगे। सब अपने अपने नेता को इसका श्रेय देते और दूसरे का मजाक।
नेताओं का सोशल मीडिया पर श्रेय लेने की होड़ उस वक्त मजाक बन गया जब गांववालों ने कहा कि वे लोग चालीस हजार रुपये जमाकर ट्रांसफार्मर बदलवाए हैं।
बहरहाल, गांववालों ने घाटबमूरिया गांव का ट्रांसफार्मर चंदा लगाकर बदलवा लिया है। परंतु गर्मी में उपचुनाव की तपिश सियासी माहौल को और गर्म किए है। हर पैंतरा अपनाकर समर्थक व नेता खुद को येनकेन प्रकारेण अपना हितैषी जतलाने में जुटे हुए हैं।