शिवमहापुराण कथा के लिए निकली कलश यात्रा में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा, जहां से कलश यात्रा निकली वहां सड़कें जाम होती गईं और वाहनों की कतारें लग गईं। आज से कथा शुरू होगी, इसमें सुरक्षा के लिए 500 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं व 130 सीसीटीवी से निगरानी होगी। वहीं कथा के लिए डीईओ ने शहर के 10 निजी स्कूलों का सात दिन के लिए समय बदल दिया है।
शहर के नवीन मंडी परिसर में आज से दोपहर एक बजे से पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा होगी। भाजपा सांसद केपी यादव पित्रपक्ष के दौरान यह तर्पण शिवमहापुराण कथा करा रहे हैं। जिसमें रोज करीब 4 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इसमें आने वाले वाहनों से सड़कें जाम न हों, इसके लिए पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था का प्लान तैयार कर लिया है। एसपी रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि 500 पुलिस जवान बाहर से बुला लिए हैं व 130 सीसीटीवी से कथा स्थल व आसपास क्षेत्र की निगरानी की जाएगी। साथ ही कथा में अलग-अलग रास्तों से आने वाले वाहनों को रूट तय किए गए हैं व शहर में 10 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, कथा में आने वाले वाहनों को इन पार्किंग में रोका जाएगा।
कथा में आने वाले वाहनों के लिए शहर में यह रहेगा रूट
-गुना की ओर से आने वाले वाहन रातीखेड़ा से मोड़े जाएंगे, जो ग्राम खैराभान, भौंराकाछी होते हुए आरोन रोड से नवीन मंडी के पिछले गेट की पार्किंग में पहुंचेंगे।
-ईसागढ़, चंदेरी व पिपरई रोड से आने वाले वाहन शहर के बायपास रोड से पवारगढ़ होकर मोहरी पुलिस लाइन में बनी पार्किेग स्थल पर पार्क कराए जाएंगे।
-मुंगावली व विदिशा रोड से आने वाले वाहन मलकीत सिंह के फार्म हाउस के सामने से मोड़कर पवारगढ़ से होकर मोहरी पुलिस लाइन में बनी पार्किंग पर पहुंचेंगे।
-आरोन की ओर से आने वाले वाहन नई मंडी के पिछले गेट की पार्किंग, कचनार तरफ से आने वाले स्टेडियम पर व उससे पहले बनी पार्किंग पर रोके जाएंगे।
नवीन मंडी के मुख्य गेट के पास वीआईपी पार्किंग बनाई हैं, जहां वीआइपी के वाहन पार्क होंगे। विकलांग व शारीरिक अक्षमों के वाहन कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे।
विदिशा रोड, ईसागढ़, पिपरई व अशोकनगर से कथा की बजाय कचनार तरफ जाने वाले वाहन भी पवारगढ़ के रास्ते निकाले जाएंगे।
राजराजेश्वर महादेव मंदिर से कलश यात्रा शुरू हुई। इसमें महिलाएं पीले वस्त्र पहनकर कलश सिर पर रखकर शामिल हुईं, तो पुरुष सफेद वस्त्रों में शामिल हुए। महाराष्ट्र के ढोलताशा व भजनों की धुन पर निकली कलश यात्रा में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए, जो तारवाले बालाजी मंदिर पर समाप्त हुई। इस दौरान शहरवासियों ने पुष्पवर्षा करके स्वागत किया, तो वहीं समाजसेवी संस्थाओं ने शरबत व फल वितरित किए।