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करीला मेला में रंगपंचमी के दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब, आज सीएम मोहन यादव भी करेंगे शिरकत

Karila fair on Rangpanchami: रंगपंचमी पर करीला धाम में आस्था का सैलाब उमड़ा। लाखों श्रद्धालु पहुंचे, राई नृत्य व भक्ति गीतों से माहौल भक्तिमय रहा। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए, वीआईपी भी पहुंचे।

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Karila fair on Rangpanchami saw a huge crowd of devotees in ashoknagar mp

Karila fair on Rangpanchami: रंगपंचमी के अवसर पर करीला धाम में आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। सोमवार से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था, जो मंगलवार को सुबह चार बजे से और अधिक बढ़ गया। माँ जानकी मंदिर करीला ट्रस्ट के अनुसार, मंगलवार रात 8 बजे तक करीब चार लाख श्रद्धालु करीला पहुंच चुके थे। आज, रंगपंचमी के दिन मेले में सबसे अधिक भीड़ रहने की संभावना है।

सुबह 7 बजे से महर्षि वाल्मीकि की गुफा श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दी जाएगी। इसके साथ ही, पूरी रात भक्ति और उल्लास के रंग में डूबे राई नृत्य का आयोजन होगा। पूरे मेला क्षेत्र में ढोलक, नगाड़े और नृत्यांगनाओं के घुंघरुओं की गूंज से भक्तिमय माहौल बना रहेगा।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

इस बार प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया है। पूरे मेला क्षेत्र और मंदिर परिसर में 250 सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। एएसपी गजेंद्र सिंह कंवर ने बताया कि मेले में करीब 2,000 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं, जिसमें 3 एएसपी, 25 डीएसपी और लगभग 100 टीआई शामिल हैं। इसके अलावा, वीआईपी मूवमेंट के लिए विशेष रूप से 150 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, प्रत्येक महत्वपूर्ण पॉइंट पर एक डीएसपी की तैनाती की गई है।

वीआईपी मेहमानों का आगमन

करीला मेले में बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आगमन की पुष्टि हो चुकी है। उनके साथ प्रदेश के कई मंत्री, विधायक और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल होंगे। मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह यादव, चंदेरी विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी, पूर्व सांसद केपी यादव और जिला पंचायत अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह यादव भी मेले में मौजूद रहेंगे। प्रभारी मंत्री के आगमन की भी संभावना जताई जा रही है। मंगलवार को कलेक्टर और एसपी ने मेला क्षेत्र का दौरा किया और देर रात तक व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

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यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी

करीला मेले के कारण जिलेभर के अधिकांश वाहन करीला की ओर चले गए, जिससे निर्धारित रूट पर यात्री बसें नहीं चल सकीं। इस वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऑटो, ट्रैक्टर-ट्रॉली, लोडिंग वाहन, कार, बाइक और पैदल यात्री बड़ी संख्या में करीला की ओर जाते दिखे।

क्या है करीला मेला?

करीला मेला मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में रंगपंचमी के अवसर पर आयोजित होने वाला ऐतिहासिक मेला है। यह मेला मां जानकी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि माने जाने वाले इस स्थान पर मान्यता है कि यहीं पर माता सीता ने अपने पुत्र लव-कुश को जन्म दिया था। इस मेले की सबसे खास परंपरा राई नृत्य है, जिसमें श्रद्धालु भक्ति और उल्लास के साथ भाग लेते हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से आकर इस पवित्र मेले में शामिल होते हैं।