Read this also: सांसद डाॅ.केपी यादव के अभियान से इन लोगों में खुशी, लोकसभा चुनाव जीत इस वजह से हुए थे चर्चित डाॅ.राजीव जैन ने बताया कि उन लोगों ने एक मिट्टी का पात्र लिया और उसमें बारीक छेद किया और उसमंे बाॅटल का ढक्कन कस दिया। इसके बाद बाॅटल में नीचे की तरफ तीन बारीक छेद कर दिए। जिससे आधा पात्र पानी भरता है जबकि बॉटल के छेद पानी में डूबने की वजह से बाॅटल में से पानी निकलना बंद हो जाता है। जब पक्षी पानी पी लेते हंै तो फिर उतना ही पानी भर जाता है। इससे रोज-रोज सकोरे को भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह लोगों को ऐसे सकोरे बना कर सबको लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।