मामला ईसागढ़ के बख्तर गांव का है। कदवाया से करीब तीन किमी दूर स्थित इस गांव में दस्तक अभियान का सर्वे करने एएनएम पहुंचीं तो उल्टी-दस्त के मरीज बढऩे की जानकारी मिली। जानकारी मिली तो सुबह ही एसडीएम शुभ्रता त्रिपाठी, तहसीलदार, जनपद सीईओ, बीएमओ और पीएचई के अधिकारियों के साथ गांव पहुंचीं।
एसडीएम ने करीब 25 घरों में पहुंचकर जानकारी ली तो कई मरीज और मिले। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम की ड्यूटी लगाई गई है जो घरों पर सर्वे कर रही है, साथ ही घरों पर ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है। तो वहीं छह मरीजों को इलाज के लिए ईसागढ़ रैफर किया गया है।
132 घरों का सर्वे, तो गांव में मिले 42 मरीज
बीएमओ डॉ.कुलदीप रघुवंशी के मुताबिक चार सीएचओ, एएनएम और आशा सुपरवाइजरों की ड्यूटी गांव में लगाई गई है। जो घर-घर पहुंचकर सर्वे कर रहे हैं। करीब 225 घरों वाला यह गांव हैं, जिसमें करीब 130 आदिवासी परिवार हैं। हालांकि जिनमें से सोमवार शाम छह बजे तक करीब 132 घरों का सर्वे कर लिया गया है, रविवार रात में जहां उल्टी-दस्त के 23 मरीज मिले थे और सोमवार शाम तक उल्टी-दस्त के 19 अन्य मरीज मिले हैं। इससे गांव में मरीजों की संख्या बढक़र 42 हो गई है। हालांकि अभी सर्वे का काम जारी है और इससे गांव में अभी और मरीज भी मिल सकते हैं।दो गांव में मिला था ज्यादा नाइट्रेट, इसमें भी दूषित पानी की आशंका
सबसे पहले जिले के चंदेरी क्षेत्र के बाकलपुर गांव में करीब 260 से अधिक मरीज उल्टी-दस्त से पीडि़त मिले थे, इसके बाद मुंगावली के साजनमऊ व ईसागढ़ के डेंगामोचार में मरीज मिले। इसके बाद मुंगावली के पठारी चक में और अब ईसागढ़ के बख्तर गांव में उल्टी-दस्त के मरीज मिले हैं। बाकलपुर में ज्यादा हैंडपंप के पानी के दोगुना नाइट्रेट मिला था तो वहीं डेंगामोचार भी नाइट्रेट ज्यादा मिला था। इससे बख्तर में भी उल्टी-दस्त का कारण दूषित पानी को माना जा रहा है। इसके लिए छह हैंडपंपों के पानी के सेंपल लिए गए हैं, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है।यह भी खास
– रात में गांव में 23 मरीजों में 13 बच्चे व 10 व्यस्क मरीज मिले थे, वहीं सोमवार को सर्वे के दौरान 19 मरीजों में 7 बच्चे व 12 व्यस्क मरीज मिले हैं। इससे 20 बच्चे व 22 व्यस्क उल्टी-दस्त से पीडि़त मिले। – कुछ ग्रामीणों ने शनिवार को स्कूल का मध्यान्ह भोजन खाने से बीमार होने की आशंका जताई, इस पर एसडीएम ने मध्यान्ह भोजन निर्माण व सामग्री एवं आटे की जांच की, साथ ही खाना का सेंपल भी लिया।
– गांव में सात हैंडपंप हैं, जिनमें से छह चालू हैं जिनके सेंपल लिए गए। वहीं एक हैंडपंप से कुछ दूरी पर गंदा पानी भरा मिला तो उस गड्ढ़े को बंद कराने के निर्देश दिए और हैंडपंपों के पास सुधार के निर्देश दिए।
– रात में तीन महिलाओं का इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईसागढ़ के लिए रैफर किया, जिनमें एक महिला को उल्टी-दस्त के खून भी आ रहा है। वहीं सोमवार को भी तीन मरीज रैफर किए गए।