अशोकनगर

मध्यप्रदेश में 70 किमी क्षेत्र में बिखरी पड़ी हैं प्राचीन मूर्तियां, संकट में धरोहर

अशोकनगर जिले में बीस से ज्यादा जगह पर रास्तों, गलियों, खेतों व जंगलों में छठी से 12वीं शताब्दी तक की मूर्तियां व कलाकृतियों पड़ी हुई दिखती हैं।

अशोकनगरApr 20, 2022 / 08:38 pm

राजीव जैन

ashoknaga heritage

अशोकनगर. Madhya Pradesh में पुरा संपदा के मामले में अशोकनगर सबसे समृद्ध जिला है, जहां 70 किमी क्षेत्र में पुरा संपदा बिखरी पड़ी हुई है। रास्तों, गलियों, खेतों व जंगलों में छठी से 12वीं शताब्दी तक की मूर्तियां और कलाकृतियों पड़ी हुई दिखती हैं। इन्हें सहेजने पर किसी का कोई ध्यान नहीं है और इसी तरह अनदेखी जारी रही तो यह पुरा संपदा नष्ट हो जाएगी।
Ashok nagar जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर तूमेन गांव (tumen ashoknagar) में रास्तों व खेतों पर डेढ़ हजार साल पुरानी मूतियां व कलाकृतियां पड़ी हुई हैं। वर्ष 2007 में तत्कालीन कलेक्टर ने कुछ मूर्तियों को उठवाकर गांव में ही एक कमरे में रखवा दिया था, लेकिन आज भी बड़ी संख्या में मूर्तियां खुले में पड़ी हैं। स्थिति यह है कि ब्राह्मी लिपि के अभिलेख वाले खंभों को लोगों ने मवेशी बांधने वाली जगहों पर लगा दिया है, तो कई मूर्तियां व कलाकृतियां लोगों ने अपनी दीवारों में चुनवा लीं। पहले तूमेन का नाम तुंबवन था और यह उज्जैन से काशी जाने वाले रास्ते का मुख्य केंद्र था। जहां विष्णु, शिव, कार्तिकेय, गणेश, बराह, जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाएं हैं और स्तूपों के भी अवशेष हैं। यह सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि जिले में करीब 20 स्थानों पर ऐसी ही पुरा संपदा बिखरी पड़ी हुई है।


IMAGE CREDIT: patrika
सागर विश्वविद्यालय ने उत्खनन किया, तो निकली पुरातन संपदा
पुरातत्वविद हेमंत दुबे के मुताबिक वर्ष 1971-72 में Dr. Hari singh gour Centrail university Sagar ने तूमेन में उत्खनन कराया तो गुप्तकालीन व उत्तर गुप्तकालीन पुरा अवशेष मिले थे। जिसमें काले पोलिसयुक्त मिट्टी के बर्तन, अभ्रक मिले बर्तन, कुमार गुप्त प्रथम के शासन का गुप्त संवत 116 के शिलालेख, सिंहस्थ लिखी हुई मिट्टी की सील, तांबा, चांदी व कांसे के सिक्के, 8वी शताब्दी की विष्णु प्रतिमा, 7वी शताब्दी की नटराज प्रतिमा मिली थी। लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय पुरातत्व सर्वे, राज्य पुरातत्व विभाग व जिला प्रशासन ने बिखरी पड़ी पुरासंपदा को सहेजने पर कोई ध्यान नहीं दिया।

Ashok Nagar Hritage
IMAGE CREDIT: patrika
अनजाने में लोग पुरातन संपदा को पहुंचा रहे नुकसान
6वी से 11वी शताब्दी तक की पुरातन कलाकृतियों को लोगों ने घरों की दीवारों में चुनवा लिया है तो कहीं यह अभिलेख गाय-भैंस बांधने का खूंटा बन गए हैं। साथ ही कई प्राचीन शिलालेखों को लोगों ने पेंट्स से पोत दिया है तो कुछ मंदिरों के फर्श को हटाकर लोगों ने टाइल्स लगवा दी हैं। वहीं शैलचित्रों को लोग पत्थरों से खरोंच रहे हैं।

Ashok nagar .jpg
IMAGE CREDIT: patrika
इन स्थानों पर भी पुरा संपदा की भरमार
1. सकर्रा गांव- करीब एक हजार साल पुराने चार मंदिर हैं, जो क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पत्थर जमींदोज हो रहे हैं, तालाब किनारे जैन तीर्थकरों की प्रतिमाएं पड़ी हुई हैं।
2. ईंदौर गांव- 8वी शताब्दी का तारकाकार शैली में बना गरगज मंदिर हैं, इस मंदिर पर अमेरिका के प्रोफेसर ने आर्टीकल लिखा था, 100 फिट ऊंचे इस मंदिर से हर साल एक पत्थर नीचे टपक जाता है, गांव में 8वी शताब्दी की मूर्तियां खुले में पड़ी हुई हैं।
3. बख्तर गांव- एक हजार साल पुराने शिव मंदिर में मूर्ति तो नहीं है, लेकिन पीले पत्थर से बना यह मंदिर धूप में स्वर्ण सा चमकता है, यह पत्थर अब चोरी हो रहे हैं। जिस पर एक यात्री का 400 साल पुराना अभिलेख मिला था।
4. तिलहारी गांव- जंगल में झिर क्षेत्र में झरना निकला हुआ है, जहां पहाड़ी पर पाषण औजार मिले और शैलचित्र बने हुए हैं। गेरुआ रंग के इन शैलचित्रों को लोग पत्थरों से खरोंचकर मिटा रहे हैं।
5. मल्हारगढ़ गांव- करीब 500 साल पुराना किला है, जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, किले में स्वीमिंग पुल नुमा पानी का स्रोत बना हुआ है, जो चारों तरफ से आकर्षक नक्काशी से घिरा हुआ है, लेकिन इसके सरंक्षण पर भी किसी का ध्यान नहीं है।
6. सीतामढ़ी- शिवजी का बड़ा और प्राचीन मंदिर है, परिसर में बड़ी संख्या में मूर्तियां व पुरातन अवशेष बिखरे पड़े हुए हैं, जिन्हें सहेजने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

जगह जगह पड़ी है प्रतिमाएं
IMAGE CREDIT: patrika

प्रदेश में अशोकनगर जिला पुरातन संपदा के मामले में समृद्ध है, जिले में जगह-जगह पुरातन संपदा बिखरी पड़ी हुई है, जो 6वी से 11वी शताब्दी की है। यदि इन्हें संरक्षित कर प्रमोट करें तो जिले में पर्यटन की संभावनाएं हैं। इसके लिए प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को गंभीरता दिखाते हुए प्रयास करने की जरूरत है।
हेमंत दुबे, पुरातत्वविद

Hindi News / Ashoknagar / मध्यप्रदेश में 70 किमी क्षेत्र में बिखरी पड़ी हैं प्राचीन मूर्तियां, संकट में धरोहर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.