अनूपपुर

60 हजार क्विंटल धान का परिवहन, खाद्य विभाग 1.35 लाख क्विंटल उठाव बता रहा

अनूपपुर. जिले में अभी तक 5833 किसानों से 2 लाख 94 हजार 867 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। 2 दिसंबर से धान की खरीदी की जा रही है, लेकिन परिवहन का कार्य 18 दिसंबर से शुरू हुआ है। इस वजह से खरीदी केेंद्रों में धान रखने की जगह नहीं बची है और खरीदी […]

अनूपपुरDec 21, 2024 / 12:00 pm

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. जिले में अभी तक 5833 किसानों से 2 लाख 94 हजार 867 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। 2 दिसंबर से धान की खरीदी की जा रही है, लेकिन परिवहन का कार्य 18 दिसंबर से शुरू हुआ है। इस वजह से खरीदी केेंद्रों में धान रखने की जगह नहीं बची है और खरीदी का काम भी धीमा हो गया है। दूसरी ओर अब तक हुए परिवहन को लेकर भी सही जानकारी नहीं दी जा रही है। खाद्य विभाग तीन दिन में एक लाख 35 हजार 259 क्विंटल धान का परिवहन बता रहा है। दूसरी ओर खरीदी एजेंसी एनसीसीएफ 60 हजार क्विंटल धान का परिवहन करना बता रही है। खाद्य विभाग खरीदी केंद्र में रखी 90 हजार क्विटंल धान को भी परिवहन करना दर्शा रहा है, जबकि वे गोदाम स्तरीय खरीदी केंद्र हैं। इस बार धान की खरीदी, भंडारण तथा परिवहन का कार्य नागरिक आपूर्ति निगम की बजाय एनसीसीएफ को दिया गया है। जिले में धान की खरीदी का कार्य 2 दिसंबर से शुरू हुआ है। वर्तमान में 24 खरीदी केंद्र में खरीदी का कार्य किया जा रहा है। 10 खरीदी केंद्रों का संचालन स्व सहायता समूहों को करना था, लेकिन विभागीय उलझन के कारण अभी तक इन केंद्रों में खरीदी का कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
अभी तक गोदाम भी नहीं किया निर्धारित

मिलर्स का यह भी कहना है कि अभी तक खाद्य विभाग और एनसीसीएफ ने यह भी निश्चित नहीं किया है कि मिलिंग के बाद किन गोदाम में इनका भंडारण करना है। हमारे गोदाम में इतनी जगह नहीं है कि हम इसे स्टोर करते जाएं। यदि निश्चित समय में एफसीआई में जमा नहीं किया गया तो 2 रुपए प्रति क्विंटल की पेनल्टी भी मिलर्स से वसूली जाएगी। एनसीसीएफ का इस पर कहना है कि 12 गोदाम निर्धारित किए गए हैं जिनकी मैपिंग का कार्य चल रहा है। जल्द ही भंडारण के लिए गोदाम उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
मिलर्स के गोदाम में लग रहा धान कर ढेर

धान खरीदी का कार्य 2 दिसंबर से चल रहा है, लेकिन मिलर्स की हड़ताल के कारण खरीदी का काम ठप था। इसके चलते खरीदी केंद्रों में ही धान का भंडारण किया जा रहा था और खरीदी के लिए भी जगह नहीं बची थी। 18 दिसंबर से मिलर्स के कार्य प्रारंभ किए जाने के कारण परिवहन का कार्य तो शुरू हो गया है, मिलिंग का कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसमें भी फोटिफाइड चावल और गोदाम की अडचन है। मिलिंग का कार्य प्रारंभ नहीं होने से मिलर्स के गोदाम में भी धान का ढेर लगते जा रहे हैं।
एफआरके न मिलने से मिलिंग का काम ठप

मिलर्स और एनसीसीएफ के बीच अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि धान की मिलिग के लिए एफआरके (फोर्टीफाइड राइस केर्नल्स) मिलर्स को लगाना है या एनसीसीएफ उपलब्ध कराएगा। इस कारण मिलिंग का कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका है। मिलर्स का कहना है कि वह कई बार अधिकारियों से इस संबंध में बात कर चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। दूसरी ओर एनसीसीएफ के जिला समन्वयक का कहना कि अभी तक यह निश्चित नहीं किया है कि एक क्विंटल चावल में जो 1 किलो एफआरके मिलना रहता है वह कौन देगा।
एफआरके का निर्धारण नहीं हुआ है जिसके लिए एफसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जा रही है। अभी तक 60 हजार क्विंटल धान का परिवहन किया गया है। गोदाम की मैपिंग की जा रही है। जल्द ही इसकी जानकारी दे दी जाएगी।
अनिल कुमार, समन्वयक एनसीसीएफ

10 खरीदी केंद्र गोदाम स्तरीय हंै जिसके कारण उनमें भी खरीदी के बाद धान काभंडारण किया गया है, जो रिपोर्ट में परिवहन में दिखाई पड़ रहा है। एफआरके को लेकर भोपाल पत्राचार किया गया है।
बालमेंद्र सिंह, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर

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