अभी तक गोदाम भी नहीं किया निर्धारित मिलर्स का यह भी कहना है कि अभी तक खाद्य विभाग और एनसीसीएफ ने यह भी निश्चित नहीं किया है कि मिलिंग के बाद किन गोदाम में इनका भंडारण करना है। हमारे गोदाम में इतनी जगह नहीं है कि हम इसे स्टोर करते जाएं। यदि निश्चित समय में एफसीआई में जमा नहीं किया गया तो 2 रुपए प्रति क्विंटल की पेनल्टी भी मिलर्स से वसूली जाएगी। एनसीसीएफ का इस पर कहना है कि 12 गोदाम निर्धारित किए गए हैं जिनकी मैपिंग का कार्य चल रहा है। जल्द ही भंडारण के लिए गोदाम उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
मिलर्स के गोदाम में लग रहा धान कर ढेर धान खरीदी का कार्य 2 दिसंबर से चल रहा है, लेकिन मिलर्स की हड़ताल के कारण खरीदी का काम ठप था। इसके चलते खरीदी केंद्रों में ही धान का भंडारण किया जा रहा था और खरीदी के लिए भी जगह नहीं बची थी। 18 दिसंबर से मिलर्स के कार्य प्रारंभ किए जाने के कारण परिवहन का कार्य तो शुरू हो गया है, मिलिंग का कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसमें भी फोटिफाइड चावल और गोदाम की अडचन है। मिलिंग का कार्य प्रारंभ नहीं होने से मिलर्स के गोदाम में भी धान का ढेर लगते जा रहे हैं।
एफआरके न मिलने से मिलिंग का काम ठप मिलर्स और एनसीसीएफ के बीच अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि धान की मिलिग के लिए एफआरके (फोर्टीफाइड राइस केर्नल्स) मिलर्स को लगाना है या एनसीसीएफ उपलब्ध कराएगा। इस कारण मिलिंग का कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका है। मिलर्स का कहना है कि वह कई बार अधिकारियों से इस संबंध में बात कर चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। दूसरी ओर एनसीसीएफ के जिला समन्वयक का कहना कि अभी तक यह निश्चित नहीं किया है कि एक क्विंटल चावल में जो 1 किलो एफआरके मिलना रहता है वह कौन देगा।
एफआरके का निर्धारण नहीं हुआ है जिसके लिए एफसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जा रही है। अभी तक 60 हजार क्विंटल धान का परिवहन किया गया है। गोदाम की मैपिंग की जा रही है। जल्द ही इसकी जानकारी दे दी जाएगी।
अनिल कुमार, समन्वयक एनसीसीएफ 10 खरीदी केंद्र गोदाम स्तरीय हंै जिसके कारण उनमें भी खरीदी के बाद धान काभंडारण किया गया है, जो रिपोर्ट में परिवहन में दिखाई पड़ रहा है। एफआरके को लेकर भोपाल पत्राचार किया गया है।
बालमेंद्र सिंह, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर