अनूपपुर

भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं, चार साल में खराब हुआ हजारों क्विंटल गेहूं और धान

अनूपपुर. 2 दिसंबर से जिले में धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 34 खरीदी केद्रों के माध्यम से किसानों की फसल की खरीदी की जा रही है। अभी तक 5 लाख 50 हजार 675 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। जिसमें से 3 लाख 36 हजार 989 क्विंटल धान का […]

अनूपपुरDec 30, 2024 / 12:15 pm

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. 2 दिसंबर से जिले में धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 34 खरीदी केद्रों के माध्यम से किसानों की फसल की खरीदी की जा रही है। अभी तक 5 लाख 50 हजार 675 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। जिसमें से 3 लाख 36 हजार 989 क्विंटल धान का परिवहन किया गया है, जबकि 2 लाख 16 हजार 72 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्र में खुले में पड़ी हुई है। परिवहन की धीमी रफ्तार और बीते कुछ दिनों से मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव की वजह से खुले में रखी धन पर खतरा मंडरा रहा है। शनिवार को हुई बारिश होने के कारण जिले के कई केंद्रों में खुले में पड़ी धान भीग गई थी। यह पहली बार नहीं है। उपार्जन के बाद उपज के भंडारण में हमेशा से लापरवाही बरती जाती है। खरीदी के बाद धान और गेहूं का उचित रखरखाव नहीं किए जाने तथा भंडारण की बेहतर व्यवस्था न हो पाने की वजह से वर्ष 2018-19 में 685.22 मेट्रिक टन चावल खराब हो गई है। इसी तरह वर्ष 2019-20 में 3.41 मेट्रिक टन गेहूं, 2020-21 में 6246.40 मेट्रिक टन धान की फसल खराब हुई है। वर्ष 2021-22 में 766.04 मेट्रिक टन धान बारिश में भीगने और उचित इंतजाम न होने के कारण खराब हो गई।
मौसम की वजह से 3 दिन बंद रहेगी खरीदी

जिला आपूर्ति अधिकारी बीएस परिहार ने बताया है कि वर्षा की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उपार्जन केन्द्र पर उपलब्ध धान के सुरक्षित भंडारण के लिए 30 व 31 दिसंबर एवं 1 जनवरी को समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य स्थगित किया गया है। इस अवधि में धान विक्रय करने के लिए जिन किसानों ने स्लॉट बुक किया है उनके स्लॉट की वैधता अवधि पांच कार्य दिवस बढ़ाई गई है। इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से किसानों को दी जा रही है। 2 जनवरी से नियमित रूप से धान का उपार्जन किया जा सकेगा। इसके साथ ही धान खरीदी की समय सीमा 20 जनवरी से बढ़ाकर 23 जनवरी तक कर दी गई है।
विधानसभा में भी उठ चुका है जिले में खाद्यान्न

खराब होने का मामला पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह ने धान खरीदी के उपरांत उचित भंडारण न होने की वजह से बीते कुछ वर्षों में करोड़ों की उपज खराब होने की बात कही। उन्होंने बताया कि इस मामले को उन्होंने विधानसभा में भी उठाया था लेकिन इसको लेकर के सरकार गंभीर नहीं है। शनिवार को ही जिले भर में खुले में रखी धान बारिश में भीग गई। शहडोल संभाग आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां सरकार ने एनसीएफसी को उपार्जन की जिम्मेदारी दी है। फसल के भंडारण के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। मिलर्स को कार्य का भुगतान नहीं मिल रहा है। जब समय पर भुगतान नहीं होगा तो मिलर कैसे समय पर काम करेंगे। खरीदी प्रारंभ हुए एक महीने का समय बीत रहा है लेकिन अभी तक मिलिंग के पश्चात अनाज को कहां भंडार किया जाएगा इसके लिए गोदाम भी निश्चित नहीं किए गए हैं। मिलर के मिल में इतनी जगह नहीं है कि वह खरीदी की गई फसल को अपने गोदाम में भंडारित कर सके।
पूर्व में भंडारण की व्यवस्था नहीं थी। ओपन कैप में धान की खरीदी और भंडारण किया जाता था। जिसके कारण बीते वर्ष में ऐसी स्थिति बनी थी लेकिन अब भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था हो गई है। खरीदी करने के बाद भंडारण के लिए गोदाम उपलब्ध हैं। बालमेंद्र सिंह, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, अनूपपुर

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