Road corporation paved the way for the road, removed encroachment
अनूपपुर. रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की प्रस्तावित तैयारियों में पुल निर्माण निगम में बुधवार को एक बार फिर से पुल निगम की सुगबुगाहट सामने आई। जिसमें जिला अस्पताल परिसर के बाहर रेलवे फाटक-इंदिरा तिराहा मुख्य मार्ग से सटे शासकीय भूमि की खुदाई कर एप्रोच मार्ग निर्माण की आधारशिला रखी। इसमें पुल निगम कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर के बाहर लगे दर्जनभर से अधिक अतिक्रमणों को भी खाली कराया, जहां मार्ग में आने वाले आम की दो पेड़ों की कटाई भी की। पुल निर्माण निगम शहडोल एसडीओ प्रदीप सिंह बघेल का कहना था कि पेड़ो की कटाई के लिए ६ दिसम्बर को ही वनविभाग से अनुमति मिल गई थी, जिसके उपरांत आज उसकी कटाई कराई गई है। बताया जाता है कि स्वसहायता प्रवेश द्वार से लेकर प्रभावित भू-स्वामी सीके पटेल के घर तक लगभग १०० मीटर लम्बी सीसी एप्रोच मार्ग का निर्माण कराया जाएगा। विदित हो कि इससे पूर्व भी रेलवे फाटक-कोतवाली मार्ग पर गणेश टॉकिज के पास पुल निगम में शासकीय भूमि पर लगभग ५० मीटर लम्बी एप्रोच मार्ग का निर्माण कराया था। लेकिन आगे के लिए रेलवे की भूमि तथा अन्य प्रभावित भू-स्वामियों की जमीन होने के कारण निर्माण कार्य रोक दिया था। पुल निगम का तर्क है कि जबतक उन्हें राजस्व विभाग द्वारा पुल निर्माण के लिए पर्याप्त रकबा में जमीन नहीं मिल जाती, नियमित निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकेगा। वहीं पुल निगम का कहना है कि जिला अस्पताल के सामने वाली एप्रोच मार्ग के बाद अन्य कहीं शासकीय भूमि शेष नहीं बची है। जबकि प्रशासन द्वारा अबतक ओवरब्रिज के निर्माण में प्रभावित भू-स्वामियों से भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी नहीं की है। हालांकि पुल निगम के द्वारा पुन: आरम्भ कराए गए निर्माण कार्य से नगरवासियों को खुशी है कि सम्भवत: अब ओवरब्रिज का निर्माण हो पाएगा। लेकिन प्रशासन की सुस्ती में भू-अर्जन की प्रक्रिया अबतक आरम्भ नहीं होने से शेष ६१२ मीटर लम्बी ओवरब्रिज निर्माण की प्रक्रिया अधर में अटकी हुई है। वहीं न्यायालय ने बिना भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी किए बगैर प्रभावित भू-स्वामियों के आवासीय परिसरों के तोडफ़ोड़ पर रोक लगा रखी है। इनका कहना है जिला अस्पताल परिसर के बाहर शासकीय भूमि होने के कारण वहां एप्रोच मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए अतिक्रमण को खाली कराते हुए निर्माण के लि गड्ढे खुदाए गए हैं। पेड़ कटाई की अनुमति पूर्व में ले ली गई थी। प्रदीप सिंह बघेल, एसडीओ, पुल निगम, शहडोल।