जिम्मेदारी तय करना जरूरी जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से बच्चों के शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है। इसके बावजूद जिले में कुपोषण दर तथा कुपोषित बच्चों की संख्या कम नहीं हो रही है। इसके लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने जरूरी हैं। जो बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज हैं वह अगर कुपोषण के शिकार हो रहे हैं तो इस पर संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। साथ ही संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। जिलेभर में कुल 1156 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिनमें कोतमा में 168, अनूपपुर 278, जैतहरी 274 और पुष्पराजगढ़ में 436 आंगनबाड़ी केंद्र हैं।
1149 आंगनबाड़ी केंद्रों को जिले के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने गोद लिया है। कुपोषण को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पुराने कुपोषित बच्चों को ठीक होने पर नए केस सामने आ जाते हैं।
विनोद परस्ते, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग अनूपपुर