पिछले तीन साल से कोई प्रारूप तैयार नहीं किया जा सका है
जबकि तीन वर्ष पूर्व 2015 में जिला पंचायत की सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन समिति की बुलाई गई बैठक तथा उनमें बने प्रस्ताव पर प्रशासन और ना ही शिक्षा विभाग ने अब तक कोई कार्ययोजना की पहल की है। पिछले तीन साल से कोई प्रारूप तैयार नहीं किया जा सका है और ना ही भवन निर्माण के लिए जमीन की तलाश हो सकी है। प्रतिवर्ष जिले में होम साईंस शिक्षा के लिए बढ़ती कन्याओं की संख्या तथा सुरक्षित महाविद्यालय की कमी को देखते हुए जिला मुख्यालय में होम साईंस कॉलेज खोले जाने पर तत्कालीन कोतमा विधायक मनोज अग्रवाल, जिपं सीईओ केवीएस चौधरी, जिपं पूर्व उपाध्यक्ष स्व. एमएन सिंह, सदस्य रामपाल सिंह लहरू, गीता साहू, वीरेन्द्र सिंह मरावी, द्रौपदी प्रजापति सहित विभिन्न विभागों के शासकीय पदाधिकारियों ने प्रस्ताव के अनुमोदन पर अपनी सहमति प्रदान की थी। जबकि वर्ष 2015 में ही मप्र. उच्च एवं तकनीकि शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता के अनूपपुर दौरे पर शिक्षा विभाग सहित अन्य समिति के सदस्यों ने अपनी मंशा जाहिर की थी। विभागीय जानकारी के अनुसार होम साईस शिक्षा में प्रावधानों के अनुसार कम से कम 100 से अधिक छात्र-छात्राओं का होना आवश्यक है। और अनूपपुर में प्रतिवर्ष के आंकड़ों में उच्च विद्यालयों से लगभग 800 से अधिक छात्राएं पासआउट हो रही है।
कॉलेजों पर बढ़ा दबाव
दिनोंदिन कन्याओं का उच्च शिक्षा के प्रति रूझान के कारण अब जिलेभर के कॉलेज में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक होती जा रही है। तुसली महाविद्यालय में वर्तमान में प्रतिवर्ष लगभग 800 से अधिक लगभग 65 फीसदी, कोतमा में 500, जैतहरी में 60-70 तथा पुष्पराजगढ़ में लगभग 300 से अधिक छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती है।
इनका कहना है
प्रशासकीय स्तर पर यह प्रस्ताव बनाया गया है, लेकिन इस सम्बंध में आगे की अन्य कार्ययोजनाओं के सम्बंध में हमारे पास कोई जानकारी नहीं आई है। हमने प्रशासन से इस सम्बंध में पत्राचार कर कन्या महाविद्यालय खोले जाने की अपील की है।
परमानंद तिवारी, प्राचार्य, तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर।