अनूपपुर

मवेशी, वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने वाले तालाब में फ्लाई ऐश को किया जा रहा डंप

अनूपपुर. एक ओर शासन जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर लगातार काम कर रही हैं। विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वन भूमि क्षेत्र में स्थित प्राकृतिक जलाशय को पाटा जा रहा है। जिले के जैतहरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरी में वन भूमि स्थित जलाशय में फ्लाई ऐश डंप करने की […]

अनूपपुरNov 25, 2024 / 11:33 am

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. एक ओर शासन जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर लगातार काम कर रही हैं। विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वन भूमि क्षेत्र में स्थित प्राकृतिक जलाशय को पाटा जा रहा है। जिले के जैतहरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरी में वन भूमि स्थित जलाशय में फ्लाई ऐश डंप करने की अनुमति वन विभाग ने दी है। मोजर बेयर पावर प्लांट तथा अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई से निकलने वाले फ्लाई ऐश से जलाशय को पाटा जा रहा है। जबकि इस जलाशय उपयोग स्थानीय ग्रामीण करते हैं। साथ ही मवेशी भी अपनी प्यास इस जलाशय से बुझाते हैं। देवरी स्थित बंद यू जी माइंस विवेक नगर रेस्क्यू कॉलोनी के पास स्थित तालाब में फ्लाई ऐश को डंप किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के इस फैसले से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि तालाश में वर्ष भर पानी रहता है। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही मवेशी व वन्य जीव भी इसे लाभान्वित होते हैं। राखड़ भर देने से ना तो स्थानीय ग्रामीणों को इसका फायदा होगा और न वन्यजीवों को।
नहाने के लिए उपयोग

ग्रामीण रामदीन बैगा ने बताया कि आज भी वह अंतिम संस्कार के दौरान नहाने इसी तालाब में जाते हैं। खुटवा से यह तालाब लगा हुआ है ऐसे में स्थानीय ग्रामीण अपने विभिन्न कार्य के लिए इसका उपयोग करते है। वन विभाग ने बिना पंचायत और स्थानीय ग्रामीण की सलाह के ही इस पर फ्लाई ऐश की भरपाई किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह गलत है।
नहीं देख रहे परेशानी

ग्रामीण सुभाष मिश्रा ने बताया कि डोंगरी टोला और खुटवा के आदिवासी परिवार आज भी इस जलाशय का उपयोग अपने दैनिक उपयोग में करते हैं। जलाशय हमेशा से ही उपयोगी होते हैं जिसे समाप्त करने से सिर्फ नुकसान ही है। ग्रामीण एवं वन्यजीवों के लिए यह जल स्रोत लाभकारी है इसे समाप्त करने से जल समस्या का सामना करना पड़ेगा।
मवेशियों के लिए परेशानी

स्थानीय निवासी लखन सिंह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर आदिवासी परिवार बकरी और मवेशी पालन का कार्य करते हैं। जिनके पेयजल के लिए यह एकमात्र जल स्रोत है। गर्मी के समय तो और भी ज्यादा पानी की समस्या क्षेत्र में हो जाती है ऐसे में इस जलाशय का उपयोग मवेशी और स्थानीय लोग दोनों ही करते हैं। तालाब पाटने की अनुमति जनभावना से खिलवाड़ है।
यह शासन के आदेश पर किया जा रहा है। शासन से निर्देश हंै कि जहां से कोयले का खनन किया गया है उसे समतल करते हुए वन विभाग के सुपुर्द किया जाए। 3 महीने के बाद तालाब का कहीं और उत्खनन कर दिया जाएगा। वर्तमान में आदेश का पालन कर रहे हैं। विपिन पटेल, डीएफओ, अनूपपुर

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