बिजली उत्पादन के साथ रोजगार के मिलेंगे अवसर
660 मेगावाट सुपर क्रिटीकल तकनीक पर आधारित इकाई स्थापित होती है तो इससे अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई से अधिक मात्रा में बिजली उत्पादन के साथ-साथ लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान हो सकेेंगे। साथ ही यह इकाई मध्यप्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक ठोस निर्णय लेकर मील का पत्थर साबित होगा। हालांकि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में राज्य के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी और चचाई में 660-660 मेगावाट की एक-एक इकाई स्थापित करने पर अपनी सहमति प्रदान की है। मंडल की प्रस्तावित दोनों इकाईयों की प्रत्येक विद्युत इकाई की अनुमानित लागत 4665.87 करोड़ की होगी। इसमें एक यूनिट पर लगभग 2332.94 करोड़ रूपए खर्च के अनुमान लगाए गए हैं। इस परियोजना से वर्ष 2024-25 में वाणिज्यिक उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वर्तमान में चचाई में 210 मेगावाट की इकाई संचालित है
वर्तमान में अमरकंटक ताप विद्युत चचाई गृह में 210 मेगावाट की एक इकाई ही संचालित है। इससे पूर्व 110-110 की दो यूनिट तकनीकि खराबियों में तबाह हो गए चुके हैं। बताया जाता है कि राज्य में बिजली की दीर्धकालीन मांग के आंकलन के लिए राज्य शासन द्वारा गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर आगामी वर्षो में शीर्ष मांग में बिजली की कमी देखते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2027-28 तक प्रतिवर्ष 660 मेगावाट क्षमता की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। जिसमें अमरकंटक ताप विद्युत गृह में 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई स्थापित की जाएगी। यह इकाइ नवीन सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत इकाई होगी। जिसकी स्थापना के लिए मेसर्स डेजिन प्रायवेट लिमिटेड नई दिल्ली द्वारा विस्तारित परियोजना प्रतिवेदन(डीपीआर) तैयार गया है।
परियोजना सलाहकार की नियुक्ति के लिए निविदा पत्रक तैयार किए जा चुके हैं
इस परियोजना प्रतिवेदन को अनुमानित लागत के साथ मप्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के संचालक मंडल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इस परियोजना के लिए टर्मस ऑफ रिफरेंस(टीओआर) के अनुपालन एवं स्वीकृति, पर्यावरण प्रभाव आंकलन(ईआईए) के अध्ययन तथा पर्यावरण एवं वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने के लिए मेसर्स रामकी इन्वायरो सर्विसेज प्रा. लिमिटेड हैदराबाद को परामर्शदाता नियुक्त किया गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से टीओआर प्राप्त होने पर पर्यावरण प्रभाव अध्ययन किया जाएगा। जिसके बाद केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा इकाइ की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति में दर्शाए गए विभिन्न कार्यो का निष्पादन किया जाएगा। परियोजना सलाहकार की नियुक्ति करने के लिए निविदा पत्रक तैयार किए जा चुके हैं तथा परियोजना के लिए आवश्यक जल आवंटन के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताई गई है।
सितम्बर 2018 में बनी थी योजना
बताया जाता है कि म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के निदेशक मंडल की 97 वीं बैठक भोपाल में 12 सितम्बर को मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव(उर्जा) एवं मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अध्यक्ष आईसीपी केशरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसमें 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के विद्युत गृह क्रमंाक 1 एवं 2 की सेवानिवृत्त इकाईयों के स्थान पर तथा 660 मेगावाट क्षमता की साथ ही एक इकाई सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के परिसर में स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसमें इकाईयों की स्थापना के लिए वैद्यानिक एवं अन्य स्वीकृतियां के उपरांत ही कोयला एवं पानी का आवंटन प्राप्त करने के लिए आवश्यक निर्देश की बात कही गई थी।