अनूपपुर

अनूपपुर में भाजपा के वरिष्ठों की तिकड़ी ने डुबोई लुटिया

प्रत्याशी चयन को लेकर उठ रहे सवाल, सर्वे रिपोर्ट के इतर चुने गए प्रत्याशी

अनूपपुरDec 15, 2018 / 07:07 pm

shivmangal singh

अनूपपुर में भाजपा के वरिष्ठों की तिकड़ी ने डुबोई लुटिया

शहडोल/अनूपपुर. संभाग में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों का चुनाव परिणाम वही पुराना रहा है, बीजेपी की झोली में 2013 की तरह इस बार भी पांच और कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं। अनूपपपुर जिले में प्रत्याशी चयन को लेकर अब बहस होने लगी और बीजेपी के बड़े नेताओं के टिकट वितरण में मनमानी और पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे को दरकिनार का खामियाजा भुगतना पड़ा ऐसा माना जा रहा है, कि अगर प्रत्याशियों का चयन सर्वे के अनुसार किया जाता तो बीजेपी को सीटें गवानी नहीं पड़ती।
भाजपा के सूत्रों के मानें तो अनूपपुर जिले में बीजेपी की हार प्रत्याशी चयन में अपने नजदीकियों को बड़े नेताओं द्वारा टिकट दिलाना भारी पड़ा और इसी वजह से हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के करीबी सूत्रों का बताना है कि अनुपपुर जिले के कोतमा और अनूपपुर में सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार पार्टी द्वारा दिलीप जयसवाल की जगह राजेश सोनी और अनूपपुर विधानसभा में रामलाल रौतेल के विरोध को देखते हुए रामदास पुरी का नाम प्रत्याशी के रूप में तय किया गया था, लेकिन नर्मदा सेवा न्यास से जुड़े राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह और भगवतशरण माथुर ने मिलकर अपने चहेते और करीबी दिलीप जायसवाल और रामलाल रौतेल को प्रत्याशी बनाए जाने के लिए दबाव बनाकर टिकट दिलवाया गया। इसी कारण अनूपपुर विधानसभा में प्रत्याशी चयन का मामला सबसे अंतिम में हो सका।
वहीं पुष्पराजगढ़ विधानसभा में भी सर्वे के अनुसार पूर्व विधायक सुदामा सिंह का नाम पार्टी ने तय किया था। भाजपा के पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री लेकिन अरविंद मेनन के हस्तक्षेप और दबाव के कारण सुदामा की जगह नरेन्द्र मरावी को प्रत्याशी बनाया गया और सुदामा सिंह टिकट नहीं मिलने के बाद बागी हो गए। सुदामा सिंह ने निर्दलीय ही पर्चा भर दिया और अंत तक डटे रहे। नरेंद्र सिंह मरावी के बाहरी होने का भी मुद्दा उछल गया इससे भाजपा को भारी नुकसान हुआ। सुदामा सिंह नर्मदा सेवा न्यास के भगवतशरण माथुर के बहुत करीबी माने जाते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी सुदामा को मैदान से हटने के लिए नहीं कहा, इसके चलते पुष्पराजगढ़ में भाजपा की छीछालेदर हो गई।

केंद्रीय नेता चुनते हैं उम्मीदवार
प्रत्याशियों का चयन प्रदेश नेतृत्व और केन्द्रीय समिति के माध्यम से होता है। पार्टी द्वारा सर्वे कराने के बाद नाम तय किए जाते हैं। हार के कारणों का मंथन किया जा रहा है। शेष तो आपको पता है कि जिला स्तर पर टिकट का वितरण नहीं होता।
आधाराम बैस, भाजपा जिला अध्यक्ष अनूपपुर

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