अमरोहा. लॉकडाउन में रोजगार जाने के बाद घर जाने के लिए परेशान मजदूरों की पुलिसिया घेराबंदी आफत बनती जा रही है। हालात ये है कि कहीं मजदूर पुलिस के डर से सड़कों और हाई-वे को छोड़कर रेल पटरी पर सफर करते हुए कुचले जा रहे हैं तो कहीं जान जोखिम में डालकर बीहड़ों और नदियों के रास्ते मजदूर सफर करने को मजबूर हैं, लेकिन पलुसिया बर्बरता रुकने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा का है। यहां दो मज़दूर पुलिस के डर से सोमवार सुबह अमरोहा-हापुड़ की सीमा वाले ब्रजघाट गंगा पुल से नीचे क़ूद गए। उनमें से एक की मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे का इलाज अब भी चल रहा है। मजदूर के मौत की थाने की पुलिस ने भी पुष्टि कर दी है।
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ब्रजघाट सीमा पर श्रमिकों के आवागमन के चलते स्थानीय पुलिस बेरियर लगाकर दूसरे जिलो और प्रदेश से आने वाले प्रवासी मजदूरों को रोक रही थी। इसी बीच दो मजदूर सोमवार की सुबह दिल्ली से आ रहे थे। संजीव नाम का मज़दूर शाहजहांपुर और प्यारेलाल बरेली का रहने वाला था। ये दोनों पुलिस के डर से गंगा नदी में छलांग लगा दी। घायल हालत में संजीव की मेरठ के मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई है और प्यारे का अब भी वहीं इलाज चल रहा है।
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घटना स्थल पर मौजूद कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस के डर से ये दोनों मज़दूर गंगा में कूद गए थे। इस दौरान वे पानी की बजाय पुल के पिलर पर जा गिरे, जिससे दोनों को गंभीर चोटें आई। घायल हालत में पुलिस ने दोनों को गजरौला के हॉस्पिटल ले गई। जहां उनकी हालत खराब होता देख मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। दूसरे मज़दूर की भी हालत गंभीर बनी हुई है।