एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि थानाक्षेत्र के गांव चौकपुरी निवासी मोंटी सैनी स्कूल की मिनी बस पर चालक है। वह स्कूली गाड़ी से नगला माफी, चौकपुरी, लखमिया, हयातपुर आदि गांवों के बच्चों को स्कूल में लाने और गांवों में पहुंचाने का काम करता है। 25 अक्तूबर की सुबह मोंटी 28 बच्चों को बस से स्कूल लेकर जा रहा था।
जैसे ही बस खादगुर्जर और नगला माफी के बीच एक पुलिया के निकट पहुंची थी। इस बीच रास्ते में खड़े युवक ने बाइक लगाकर स्कूली बस रोक ली। पास में आम के बाग में छिपे उसके अन्य साथी आ गए। उन्होंने बस पर फायरिंग कर दी और ईंट बरसाईं थीं। जिस पर चालक ने बस को गजरौला की तरफ तेज रफ्तार में दौड़ा कर जान बचाई थी।
इस मामले में नंगला माफी के रहने वाले अनुज और उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। घटना को गंभीरता से लेकर पुलिस जांच कर रही थी। पुलिस की 20 टीमों ने इलाके में लगे 150 सीसी टीवी कैमरे की फुटेज चेक कीं। गहनता से छानबीन के दौरान अनुज की नामजदगी गलत पाई गई। एसपी के मुताबिक नंगला माफी के रहने वाले मनित ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। क्योंकि घटना से पंद्रह दिन पहले बस चालक मोंटी और मनित की कहासुनी हो गई थी।
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यह बात मनित ने अपने दोस्त मंडी धनौरा के मोहम्मदपुर निवासी आदित्य को बताई। आदित्य ने मंडी धनौरा के विजयनगर मोहल्ले के रहने वाले आर्यन शर्मा और मोहल्ला हैबतपुर चौधरियान के रहने वाले नितिन को शामिल कर लिया। सभी ने मिलकर चालक मोंटी की सबक सिखाने की योजना बनाई। जिसके बाद घटना वाले दिन बच्चों को स्कूल लेकर जाते समय चालक मोंटी की हत्या करने के उद्देश्य से गोली चलाई थीं। एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। जिसमें गजरौला इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी विजेंद्र मलिक समेत 15 पुलिसकर्मी शामिल हैं।