हम बात कर रहे है जलियावाला बाग की, 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार में अंग्रेजी हुकूमत की गोलियों से बचने के लिए सैंकडों लोगों ने जलियांवाला बाग में बने कुएं में छलांग लगाई थी।
जलियांवाला बाग का जीर्णोद्धार कर रही कंपनी ने आज उस शहीदी कुएं को जमींदोज कर दिया। इसे नया रूप देने के नाम पर इस पर बना पुराना ढांचा पूरी तरह से धवस्त कर दिया गया। जब यहां काम कर रहे कंपनी के अधिकारी से इस बारे में बात करनी चाही तो उसने यह कह कर पल्ला झाड़ दिया की मैं इस बारे में कुछ नहीं बता सक्ता। हमने जब उससे पूछा की इस से की इस कुए से लोगो की आस्था जुड़ी है तो उसने कहा, हमें क्या हमें तो काम मिला है वह हमें करना है।