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आज भी देते हैं काफिर का ताना…
सिंध से आए विजय कुमार, रमेश और मनोज (सभी नाम सुरक्षा की दृष्टि से बदल दिए गए हैं) ने बताया कि पाकिस्तान में हिंदुओं का बुरा हाल है। ऐसा कोई पराए लोगों के साथ भी नहीं करता जैसा बरताव वहां के लोग हमारे साथ करते हैं। उन्होंने बताया कि ”उनके लिए आज भी हम काफिर हैं औ वैसी ही जिंदगी जीने के लिए हमे मजबूर किया जाता है। ‘काफिरों या तो हमारा धर्म अपना लो या फिर यहां से चले जाओ इस तरह के तानों का हमें रोज सामना करना पड़ता है। वहां के सैंकड़ों हिंदू परिवार भारत आने को तैयार बैठे हैं।”
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धर्म परिवर्तन को लेकर कही यह बात…
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धर्म परिवर्तन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि जबरदस्ती हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया जाता है। हिंदू बच्चियों को इसलिए पढऩे नहीं भेजा जाता, क्योंकि कभी भी उन्हें अगवा कर धर्म परिवर्तन करने के बाद निकाह कर लिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां पहुंच कर वह खुद को सुरक्षित और आजाद महसूस करते हैं। अपनी दास्तां बयां करते हुए इन्होंने भारत सरकार से यहां बसने की इजाजत मांगी।
सीएए के विरोध के बीच सामने आई दर्दभरी कहानी…
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहा है। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक जिनमें—हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शामिल है, उन्हें धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।