बिक्रम मजीठिया ने कहा, मैं अपनी बहन मनप्रीत और पत्नी डॉ गुरप्रीत की निहंगों के एक विशेष गुट के साथ निकटता को ध्यान में रखते हुए गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब पर सशस्त्र पुलिस हमले का आदेश देने के लिए बेनकाब होने पर मुख्यमंत्री की हताशा को समझ सकता हूं। लेकिन मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश करते हुए उन्हें पूरे सिख समुदाय की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री से सिखों और उनकी आस्था की वस्तुओं का अपमान करना बंद करने को कहते हुए अकाली नेता ने कहा, पहले भी मुख्यमंत्री विधानसभा में सिखों की आस्था की वस्तुओं का अपमान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नशे की हालत में सिखों के धार्मिक स्थलों में प्रवेश कर उनका अनादर करने के अलावा ‘दस्तार’ को ‘टोपी’ के रूप में इस्तेमाल करने के लिए भी जाने जाते हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा उन पर लगाये गये आरोपों के बारे में मजीठिया ने कहा कि ये न केवल बेतुके हैं बल्कि अविश्वसनीय भी हैं।