पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अजीत सिंह बैंस की अगुवाई वाले मानवाधिकार संगठन के चीफ इन्वेस्टिगेटर सरबजीत सिंह वेरका ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक प्रभाव के चलते रिपोर्ट दबा के रखी गई। रिपोर्ट आ गई है तो अब जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। सरबजीत सिंह वेरका ने पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल को हादसे के जिम्मेदार 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा है।
इन्हें ठहराया जिम्मेदार
रिपोर्ट में दशहरा कमेटी (ईस्ट) के अध्यक्ष व आयोजक सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान, महासचिव राहुल कल्याण, सचिव करण भंडारी, सचिव काबल सिंह, प्रेस सचिव दीपक गुप्ता, कैशियर दीपक कुमार, कार्यकारी सदस्य भूपिंदर सिंह, एसीपी प्रभजोत सिंह विर्क, एएसआइ दलजीत सिंह, एएसआइ सतनाम सिंह, मोहकमपुरा थाने के मुंशी व सांझ केंद्र के इंचार्ज बलजीत सिंह, एएसआइ कमलप्रीत कौर, मोहकमपुरा थाने के अतिरिक्त थाना प्रभारी सुखनिंदर सिंह, थाना प्रभारी अवतार सिंह, नगर निगम के एस्टेट ऑफिसर सुशांत सिंह भाटिया, इलाका इंस्पेक्टर केवल किशन, पुष्पिंदर सिंह, विज्ञापन विभाग के सुपरिडेंट गिरीश कुमार, क्लर्क अरुण कुमार, डीएमयू के पायलट व असिस्टेंट लोको पायलट, गार्ड व गेटमैन निर्मल सिंह को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
गौरतलब है कि 19 अक्टूबर 2018 को अमृतसर में जौड़ा फाटक के दशहरा मैदान में मेले का आयोजन किया गया था। लोग पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे तभी वहां ट्रेन आ गई थी। हादसे में 61 लोगों की मौत हो गई थी व 72 अन्य घायल हो गए थे।