अगले महीने भारत यात्रा के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लंबे समय से लंबित एके-203 कलाशनिकोव राइफल खरीद समझौते पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत हस्ताक्षर कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच 5000 करोड़ में डील हुई है।
32 महीने बाद सेना को मिलेगी राइफल अमेठी में प्रस्तावित 7.5 लाख एके-203 राइफल के निर्माण में शुरुआती 70 हजार राइफल में रूस में बनाए गए उपकरण तैयार किए जाएंगे। इसके बाद की सभी राइफल्स का निर्माण अमेठी में ही होगा। इनका प्रोडक्शन प्रोसेस शुरू होने के 32 महीने बाद आर्मी को दिया जाएगा।
सबसे आधुनिक और घातक राइफल प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में इंडो-रूस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का उद्घाटन किया था जहां एके-203 का निर्माण जल्द शुरू होने की बात हुई थी। एके-203 दुनिया की सबसे मशहूर असॉल्ट राइफल एके-47 का अपडेटेड वर्जन है। यह इंसास राइफल की तुलना में छोटी, कम वजनदार लेकिन ज्यादा किफायती है। इस राइफल में 7.62x39mm की बुलेट्स लगती हैं, जो इसे ज्यादा घातक बनाती हैं। एके-203 राइफल का वजन 3.8 किलोग्राम है जबकि इसकी लंबाई 705 मिलिमीटर की है। राइफल की रेंज 800 मीटर तक है। यानी कि इसकी मदद से दुश्मन को काफी दूर तक मार गिराया जा सकता है। इसे सैमी ऑटोमेटिक और ऑटोमैटिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। एके-47 सबसे बेसिक मॉडल है इसके बाद एके में 74, 56, 100 सीरीज, 200 सीरीज आ चुकी है।