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बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कहा है कि जो लोग कहते हैं कि अमेठी गांधी परिवार का गढ़ है। वे अपनी ओर से एक उम्मीदवीर देने में इतना समय क्यों लगा रहे हैं। उनके आत्मविश्वास में कमी ये दिखा रहा है कि अमेठी अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रही है। अगर राहुल गांधी 2 लोकसभा सीटों से लड़ते हैं। तो वह अमेठी से अपनी हार को चुनाव होने से पहले ही घोषित कर रहे हैं। स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि यदि उनके नेता में दम है। तो बिना मायावती और अखिलेश के सहारे अकेले सिर्फ अमेठी सीट से चुनाव लड़कर क्यों नहीं दिखाते। वहीं पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। यह भी पढ़ें
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उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट दशकों से गांधी परिवार का गढ़ रही है। बिल्कुल इसी तरह रायबरेली भी गांधी परिवार के खाते में हर चुनाव में जाती रही है। स्वंय राहुल गांधी अमेठी सीट से साल 2004 से लेकर 2019 के बीच 3 बार लगातार सांसद रहे। हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा। स्मृति ईरानी ने पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी से 50 हजार से अधिक वोटों से हराया था। तब स्मृति ईरानी को जहां 468514 वोट मिले थे। तो वहीं राहुल गांधी को 413394 मत प्राप्त हुए थे। इसी तरह जीत का अंतर करीब 55 हजार था। यह भी पढ़ें